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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता
वो आंखें उम्र से नहीं उपेक्षा से बुझी थीं। वो चेहरे सिर्फ झुर्रियों से नहीं अकेलेपन से उदास थे। लेकिन शुक्रवार को विनोबा भावे वृद्धाश्रम का माहौल कुछ पल के लिए बदल गया जब जनपद के एडीएम एफआर अरविंद कुमार अपनी पत्नी सौम्या के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने वहां रह रहे बुजुर्गों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं ध्यान से सुनीं।
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वृद्धाश्रम में रहने वाली राजकुमारी देवी ने बताया कि वह चार-पांच दिन से बीमार हैं। तीन दिन पहले एंबुलेंस से उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन रास्ते में ही उतार दिया गया। इस पर एडीएम ने तुरंत मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से बात की और दोबारा एंबुलेंस मंगवाकर उन्हें अस्पताल भिजवाया। वृद्धाश्रम में कई ऐसे बुजुर्ग भी हैं जो पहले नौकरी करते थे या प्रधान रह चुके हैं। कुछ को उनके बच्चों ने घर से निकाल दिया है। एडीएम ने सभी बुजुर्गों से मिलकर बातचीत की और उनके साथ बैठकर भोजन किया। उन्होंने अपने साथ लाए फल और केले भी सभी को बांटे।
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केयरटेकर ने बताया कि पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित रूप से आती थी, लेकिन अब आना बंद हो गया है। एडीएम ने सीएमओ को आदेश दिया कि हर 15 दिन में वृद्धाश्रम में स्वास्थ्य शिविर लगाया जाए, ताकि बुजुर्गों का सही समय पर इलाज हो सके।
इस मौके पर एडीएम ने कहा माँ-बाप की सेवा करना भगवान की पूजा से भी ऊपर है। जिस दिन हम यह समझ जाएंगे उस दिन कोई वृद्धाश्रम नहीं होगा।
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