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अयोध्या के रामजन्मभूमि मंदिर में धर्म ध्वजा आरोहण के उपलक्ष्य में हनुमतधाम में पताका लगाने के लिए जाते हनुमतधाम मंदिर समिति अध्यक्ष विेनोद अग्रवाल, चंद्रशेखर खन्ना धीरू भैया आदि Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः अयोध्या धाम में मंगलवार को अभिजीत मुहूर्त में हुए ऐतिहासिक धर्म ध्वजारोहण के साथ ही उसका आध्यात्मिक प्रतिबिंब शाहजहांपुर के हनुमत धाम में भी दिखाई दिया। यहां हुए सुंदरकांड, ध्वज पूजन, हवन और जयघोषों ने पूरे वातावरण को राममय कर दिया। ऐसा लगा मानो अयोध्या और शाहजहांपुर की आध्यात्मिक ध्वनि एक हो गई हो, एक ओर भगवान श्री राम का जन्मस्थान और दूसरी ओर उनके परम भक्त महाबली हनुमान का पावन धाम।
सुबह सुंदरकांड पाठ से शुरू हुआ पावन आयोजन
मंगलवार सुबह हनुमत धाम में भक्तों ने सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया। मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण गूंज उठा। पाठ के बाद गर्भगृह स्थित राम दरबार के समक्ष विधिवत ध्वज पूजन हुआ, जिसमें भक्तों ने पूर्ण श्रद्धा से भाग लिया।
शंखध्वनि के बीच हुआ धर्म ध्वजारोहण
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पूजन के बाद शंखध्वनि और "जय श्री राम–जय हनुमान" के जयघोषों के बीच धर्म ध्वज शिखर पर आरोहित हुआ। इसी क्षण मंदिर परिसर दिव्य प्रकाश से नहा उठा। भक्तों ने हवन में आहुतियां डालकर राष्ट्र, धर्म और लोककल्याण की कामना की। इसके बाद भंडारे के प्रसाद ने श्रद्धालुओं के मन को परिपूर्ण कर दिया।
भक्तिरस से सराबोर हनुमत धाम, समिति ने निभाई अहम भूमिका
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संपूर्ण आयोजन में मंदिर समिति के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल, चंद्रशेखर खन्नाधीरूभैया, जयप्रकाशवाजपेई, पुजारी हरिओमबाजपेई, अमर बाजपेई, हर्ष, राजीव कपूर और डॉ. अनिल का योगदान विशेष रहा। ध्वज लेकर जब समिति के सदस्यों ने जय घोष करते हुए शिखर की ओर बढ़ना शुरू किया, तो भक्तों में अनुपम उत्साह उमड़ पड़ा।
अयोध्या के साथ आध्यात्मिक समरसता का अद्भुत दृश्य
अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही अभिजीत मुहूर्त में धर्म ध्वज को शिखर पर आरोहित किया, पूरा देश जयघोष से गुंजायमान हो उठा। पीएम ने इसे 500 वर्षों की प्रज्वलित रही तपस्या की "पूर्णाहुति" बताया। उनकी भावनाओं से ओतप्रोत आंखें उस क्षण की गंभीरता को दर्शा रही थीं।
इसी भावधारा का प्रतिबिंब शाहजहांपुरहनुमत धाम में भी देखने को मिला, जहां ध्वज आरोहण के साथ पूरा परिसर राममय होकर गूंज उठा। भक्तों का कहना था कि “अयोध्या में राम हों और शाहजहांपुर में हनुमान, दोनों आयोजन एक ही आध्यात्मिक धारा के दो छोर प्रतीत हो रहे थे।
हनुमत धाम की भव्य सज्जा बनी आकर्षण का केंद्र
जैसे देव दीपावली पर अयोध्या दीपों से जगमगा उठती है, उसी प्रकार हनुमत धाम भी संपूर्ण रूप से प्रकाश से आलोकित था। मंदिर का शिखर, प्रांगण और मार्गों पर सजावट इतनी भव्य थी कि हर आगंतुक का मन भक्तिभाव से भर गया।
अंत में गूंजा राम-हनुमान का जयघोष
ध्वजारोहण के उपरांत भक्तों ने मिलकर “जय श्री राम” और “जय बजरंगबली” के जयघोष किए। माहौल ऐसा था कि हर भक्त को लगा मानो भगवान श्री राम और उनके परमभक्त हनुमान स्वयं उपस्थित हों।
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