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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। शुक्रवार को जनपद न्यायालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में पाॅश एक्ट- यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम 2013 पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष विष्णु कुमार शर्मा ने की।
जनपद न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा बनाए रखने के लिए यह अधिनियम एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस कानून के माध्यम से महिलाओं के अधिकारों को सुरक्षा दी है और उनके लिए समानता तथा सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं।
कार्यक्रम में अपर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) कीर्ति सिंह ने कहा कि यदि कोई नियोक्ता इस अधिनियम का उल्लंघन करता है तो उसे न केवल आर्थिक दंड भुगतना पड़ सकता है बल्कि सजा भी हो सकती है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यदि किसी भी कार्यस्थल पर किसी महिला को कुछ अनुचित प्रतीत होता है तो वह अपराध की श्रेणी में आता है और उसे रिपोर्ट किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य और इलेक्ट्रॉनिक सिग्नेचर जैसे विषयों पर भी जानकारी दी।
शिविर का संचालन सचिव/अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से किया गया। इस अवसर पर अपर जिला जज अभय प्रताप सिंह, न्यायिक अधिकारीगण नेहा सिंह, अनुराधा पुण्डिर, पंकज कुमार, कृष्ण लीला यादव, नरेन्द्रनाथ पाण्डेय समेत कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
शिविर के माध्यम से न्यायिक अधिकारियों ने न केवल महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया बल्कि एक सुरक्षित एवं सम्मानजनक कार्यस्थल की महत्ता को भी रेखांकित किया।
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