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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। शहर की सड़कों पर बिखरा कूड़ा बजबजाते नाले और आमजन की नाराजगी... मगर इन सबके बीच शाहजहांपुर नगर निगम ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में आंकड़ों के दम पर कमाल कर दिया है। जहां पिछले वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर नगर निगम की रैंकिंग 181 थी, वहीं इस बार सीधे 33वें स्थान पर छलांग लगाई है। यही नहीं, पहली बार नगर निगम को गार्बेज फ्री सिटी में एक स्टार भी मिला है और ओडीएफ डबल प्लस की उपलब्धि भी हासिल हुई है।
सर्वे के समय सजी सफाई, बाद में लौटे पुराने हालात
सर्वे के समय सजी सफाई, बाद में लौटे पुराने हालात
शहरवासियों का कहना है कि सर्वे के दौरान सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया था लेकिन अब हालात फिर पुराने जैसे हो गए हैं। मुख्य मार्गों बाजार क्षेत्रों और रिहायशी इलाकों में जगह-जगह कूड़ा फैला रहता है। पशु इन कूड़े के ढेरों को और ज्यादा फैला देते हैं। जिससे बदबू और गंदगी का आलम बना रहता है। सदर बाजार इलाके में एक नाले की स्थिति तो ऐसी है कि उसके पास लगे हैंडपंप का पानी भी दूषित हो गया है।
सिटीजन फीडबैक बना रैंकिंग सुधार का आधार
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के डीपीएम सैफ सिद्दीकी के अनुसार स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग तय करने में सिटीजन फीडबैक सर्वे टीम की रिपोर्ट और नगर निगम द्वारा प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को आधार बनाया गया। नगर आयुक्त डॉ. बिपिन कुमार मिश्र ने इसे शहर के लिए गर्व की बात बताते हुए कहा कि यह उपलब्धि नगर निगम को और बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देगी।
ये है शाहजहांपुर का स्वच्छता रिपोर्ट कार्ड
घर-घर से कूड़ा उठान - 100 प्रतिशत
कूड़े का मूल पृथक्करण - 52 प्रतिशत
अपशिष्ट प्रसंस्करण - 99 प्रतिशत
कूड़ा डालने वाले स्थानों में सुधार - 100 प्रतिशत
बाजार क्षेत्र की सफाई - 100 प्रतिशत
जल निकायों की सफाई - 100 प्रतिशत
सार्वजनिक शौचालयों की सफाई - 89 प्रतिशत
हकीकत और आंकड़ों में अंतर
शहर की रैंकिंग में सुधार निश्चित रूप से सराहनीय है, लेकिन इससे जमीनी सच्चाई नहीं बदली। कई मोहल्लों में नियमित सफाई न होने की शिकायतें मिलती हैं। नालों की नियमित सफाई भी केवल कागजों में नजर आती है। अब नगर निगम के सामने असली चुनौती है इस आंकड़ों की चमक को जमीनी स्तर पर भी उतारना। वरना आंकड़ों में बेहतर रैंकिंग और हकीकत में गंदगी का यह विरोधाभास नगर निगम की साख पर सवाल खड़े करता रहेगा।
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