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संकट: दूषित पशु आहार खाने से अल्लाहगंज में सात पशुओं की मौत, किसान बेहाल

अल्लाहगंज के गांव फतेहपुर में खराब पशु आहार खाने से सात पशुओं की मौत हो गई है। बीमार होने का सिलसिला भी नहीं थम रहा है । वर्तमान में 20 पशु बीमार हैं। पशु चिकित्सकों ने मृत पशुओं का बिसरा जांच को भेजा है। प्लांट मैनेजर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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Rajesh Kumar Deva
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शाहजहांपुर, वाईवीएन संवाददाता :

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अल्लाहगंज विकासखंड के ग्राम फतेहपुर में खराब गुणवत्ता का पशु आहार खाने से पाँच दिन में सात पशुओं की मौत हो गई है। लगभग 20 पशु बीमार है।  इससे गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने  बरेली फर्रुखाबाद मार्ग स्थित सीपी प्लांट से वितरित होने वाले पशु आहार को बताया है।   

 क्षेत्र में गत पाँच दिनों से पशुओं की मौत का सिलसिला बना हुआ है। फतेहपुर गांव निवासी राधेश्याम की तीन, शेर सिंह की दो तथा रघुनंदन और संतोष की एक एक भैंस समेत सात पशुओं की 5 दिनों मे मौत हो चुकी है। जबकि बीमार पशुओं की संख्या 20 तक पहुंच गई है। मंगलवार को पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल शर्मा,  उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी विकल सिंह, जलालाबाद के पशु-चिकित्सक गोविंद कुमार अल्लाहगंज व क्षेत्र के गांव पहुंचे। वहां बीमार पशुओं को परीक्षण के बाद आवश्यक दवाई दी। साथ ही संबंधित क्षेत्रीय डॉक्टरों को पशुओं के इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने का निर्देश दिया। गांव निवासी राधेश्याम की तहरीर पर पुलिस ने  संबंधित प्लांट के मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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पड़ोसी जनपद में भी पशुओं की मौत 

ज्ञान धारा पशु आहार खिलाने से पशुओं  की मौत की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने पशु आहार के नमूने लेकर लेकर भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) इज्जतनगर बरेली भेजे।  तो जांच में पशु आहार में इंसेक्टिसाइड पाया गया। जिसके चलते पड़ोसी जिले के डीएम ने ज्ञानधारा पशु आहार की बिक्री पर रोक लगा दी है। उत्तरदाई लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई । ग्रामीणों का कहना है पड़ोसी जनपद हरदोई से ही ज्यादा पशु आहार उनके क्षेत्र में आता है इसके वितरण के बाद ही हालात बिगड़े हैं।

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-वर्जन

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 आहार का सैंपल लेकर प्रयोगशाला में जांच के लिए मथुरा भेजा गया है। सभी बीमार पशुओं के इलाज की व्यवस्था की जा रही है। यदि जरूरत पड़ती है तो प्रयोगशाला से वैज्ञानिकों को जांच के लिए बुलाया जाएगा और ग्रामीणों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी ।

डॉ विकल सिंह, यूपी मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी  

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