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Cyber Crime: डेढ़ माह बाद डिजिटल अरेस्ट ठगी का राजफाश, 1.5 करोड़ की रकम अब तक लापता, 10 ठग पहुंचे जेल

शहर के शरदचंद्र सक्सेना से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ से अधिक की ठगी की थी। पुलिस ने 10 आरोपितों को जेल भेजा लेकिन रकम 40 खातों में बांट दी गई, जिससे बरामद नहीं हो सकी। पुवायां के व्यापारी से भी की ठगी हुई।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताशहर के दीवान जोगराज निवासी और रामचंद्र मिशन आश्रम के संस्थापक बाबूजी रामचंद्र जी महाराज के पौत्र शरदचंद्र सक्सेना को साइबर ठगों ने छह मई को डिजिटल अरेस्ट कर एक करोड़ से अधिक रुपये की ठगी कर ली थी। ठगों ने खुद को सीबीआई चीफ और जज बताकर धमकाया।

40 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर हुई रकम

जांच कर रही एसआइटी व साइबर टीम को सुराग हैदराबाद के एक व्यापारी के खाते से मिला, जहां रकम ट्रांसफर हुई थी। उसके बाद ठगों ने पैसे 40 अलग-अलग खातों में भेज दिए ताकि पुलिस तक पहुंच न सके।

दो जुलाई से अब तक पुलिस ने दिल्ली, हरियाणा और आगरा से 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। आरोपितों से 14 दिन की रिमांड पर गहन पूछताछ भी हुई, लेकिन रकम बरामद नहीं हो सकी। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि गिरोह ने अन्य कई धोखाधड़ी की घटनाओं में भी संलिप्तता स्वीकार की है। पुलिस अलग-अलग बैंकों से संपर्क कर रकम वापस लाने की कोशिश कर रही है, हालांकि इसमें समय लगेगा।

व्यापारी के खाते से निकले 1.33 लाख रुपये

पुवायां के करनापुर गांव निवासी पेस्टीसाइड व्यापारी मुन्ने की खां भी साइबर ठगों का शिकार बने। ठगों ने पहले उनका आधार कार्ड और मोबाइल नंबर बंद कराया। इसके बाद 20 व 21 जुलाई को आठ बार में उनके खाते से एक लाख 33 हजार 601 रुपये ट्रांसफर कर लिए गए।

आठ अगस्त को जब व्यापारी बैंक पहुंचे तो उन्हें ठगी की जानकारी हुई। उन्होंने शाखा प्रबंधक को पत्र लिखकर रुपये वापस कराने की मांग की। मुन्ने ने बताया कि उनके पास डेबिट कार्ड और चेकबुक नहीं है। खाते से निकाले गए रुपये मक्का बिक्री के थे। साइबर थाने पहुंचे तो उन्हें ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई।

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