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सभी शिक्षकों के लिए टेट अनिवार्य किए जाने को रेली निकाल प्रदर्शन करते शिक्षक Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः आरटीई एक्ट लागू होने से पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को टेट से मुक्त रखे जाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यानी यूटा की ओर से गुरुवार को शिक्षकों ने रेली निकालकर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट को सौंपा।
जिलाध्यक्ष ने समझाया टेट मुक्ति का आधार
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जिलाध्यक्ष विनीत कुमार गंगवार के नेतृत्व में सैकड़ो शिक्षक कलक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने 20 से 25 वर्ष से अधिक समय तक सेवा कर चुके शिक्षकों को टेट से मुक्त रखे जाने की मांग की। कहा आगामी दो वर्ष में टेट परीक्षा उत्तीर्ण करने का आदेश पारित किया गया है। दो वर्ष में परीक्षा उत्तीर्ण न कर पाने वाले शिक्षकों को सेवा से विरत करने की बात भी कही है। ऐसी स्थिति में देश के लाखों शिक्षकों एवं उनके परिवारों के सामने जीवन यापन का संकट दिखाई देने लगा है। जिलाध्यक्ष ने कहा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 23 (1) व 23 (2) में अधिनियम लागू होने की तिथि 23 अगस्त 2010 के पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता नहीं रखी गई है। NCTE ने 23 अगस्त 2010 को शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता निर्धारित की है, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षण के अतिरिक्त टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण करने को भी अनिवार्य बनाया गया, किन्तु इसी अधिसूचना की धारा 4 में यह प्रावधान किया गया कि तिथि 23 अगस्त 2010 के पूर्व के नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की आवश्यकता नहीं है।
आरटीई के संशोधित अधिनियम 2017 में 31 मार्च 2015 को नियुक्त या कार्यरत सभी शिक्षक जिनके पास आरटीई एक्ट की धारा 23 (1) के अनुसार न्यूनतम अहर्ता नहीं है, उन्हें चार वर्ष के अंदर योग्यता पूरी करने के लिए निर्देशित किया गया। जबकि आरटीई एक्ट की धारा 23(1) के अनुसार 23 अगस्त 2010 से पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को टीईटी की आवश्यकता नहीं है। जिलाध्यक्ष समेत शिक्षकों की ओर से प्रधानमंत्री को संबोधित आशय का ज्ञापन भी अतिरिक्त मजिस्ट्रेट अपूर्वा सिंह को सौंपा गया।
ज्ञापन में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया गया है कि देश के लाखों शिक्षकों एवं उनके परिवारों के भविष्य की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरटीई एक्ट 2009 प्रभावी होने के पूर्व नियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों कों टीईटी परीक्षा की अनिवार्यता से मुक्त रखे जाने को संशोधित अधिनियम जारी करवाया जाए।
यह शिक्षक रहे शामिल
ज्ञापन देने वालों में हरिशंकर जिला महामंत्री, पृथ्वीराज जिला कोषाध्यक्ष, चंदन वर्मा उपाध्यक्ष,अवनीश कुमार सिंह संयुक्त महामंत्री, अमित यादव संगठन मंत्री, सोनपाल जिला लेखाकार, राघवेंद्र कुशवाहा समेत नितिन वर्मा, वीर पाल, बसंत कुमार, पंकज यादव, रघुवीर प्रसाद, विकास गंगवार, मनोज कुमार, राम प्रताप, राम बरन, अवनीश कुमार, पुष्पा देवी, सर्वेश कुमारी, संदीप कुमार, मनोज कुमार, अखिलेश माथुर, सुनील कुमार, वीर पाल, हर्ष चौधरी, मधु गौतम, कृष्ण कुमार, शिव सिंह, मसरूफ अली,अरुण कुमार गौतम,विजय कुमार,रामनिवास वर्मा,रमेश कुमार त्रिवेदी, अवनीश कुमार सिंह, छोटेलाल,मनोज कुमार वर्मा,विपिन पाल,मनोज कुमार, मनोज कुमार,तोताराम,सुधीर कुमार गरिमा मिश्रा नीतू सिंह सारिका गौतम दीपमाला कृष्ण कुमार मोहम्मद फाजिल भरत रस्तोगी प्रेम अवस्थी संजीव कुमार शर्मा दीपक कुमार पाल नवनीत प्रताप सिंह मनोज राठौर आदित्य चौहान मुन्नालाल रामबरन कुलदीप अमर सिंह मसरूफ अली, जगपाल सिंह, राम अवतार पाल, विमलेश कुमार, कृष्ण कुमार, अमित रजत, संदीप सिंह, सुषमा रानी, अखिलेश कुमार, अंजू, सत्येंद्र कुमार, उषा देवी, मुकेश कुमार, मधु गौतम, प्रदीप कुमार, उत्तम कुमार, अखिलेश कुमार, पुनीत मिश्रा, पुष्पा देवी, सर्वेश पाल, सुनील पाल, अवनीश कुमार, रघुवीर प्रसाद, संजीव कुमार, राघवेंद्र, आरती सक्सेना, नीतू गुप्ता, मीरा, सुमन कुमारी, रिजवाना आदि सैकड़ो शिक्षक मौजूद रहे।
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