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श्रीकृष्ण जन्म पर आधारित भजनों पर झूमे श्रद्धालु ,कथा में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जनपद में मल्हपुर गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए, जहां कथा व्यास पंडित आशीष बाजपेयी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पावन कथा का वर्णन किया।

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Harsh Yadav
कांट के मल्हपुर गांव में कृष्ण जन्म कथा सुनते श्रद्धालु।

कांट के मल्हपुर गांव में कृष्ण जन्म कथा सुनते श्रद्धालु। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )

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शाहजहांपुरवाईबीएनसंवाददाता 

जनपद में मल्हपुर गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान शुक्रवार को भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। कथा स्थल पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्र हुए, जहां कथा व्यास पंडित आशीष बाजपेयी ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की पावन कथा का वर्णन किया। जैसे ही पंडित बाजपेयी ने श्रीकृष्ण जन्म से जुड़ी घटनाओं का मार्मिक वर्णन शुरू किया, पूरा पंडाल भक्ति रस में डूब गया।

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कथा के दौरान जब व्यास जी ने भजन गाए –नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की”तो भक्तजन झूम उठे और माहौल संगीतमय हो गया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार देवकी ने कारागार में कंस के अत्याचारों को सहते हुए भगवान श्रीकृष्ण को भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्म दिया। जैसे ही भगवान का जन्म हुआ, कारागार के सभी द्वार अपने आप खुल गए और पहरेदार गहरी नींद में सो गए। देवकी और वासुदेव की बेड़ियां भी स्वत: खुल गईं।


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वासुदेव जी ने नवजात श्रीकृष्ण को मथुरा से गोकुल ले जाकर नंद बाबा के घर माता यशोदा को सौंप दिया, जहां उनका लालन-पालन हुआ। कथा व्यास ने कहा कि भगवान विष्णु ने पृथ्वी को पाप और अत्याचार से मुक्त कराने के लिए श्रीकृष्ण रूप में अवतार लिया।कथा के दौरान श्रद्धालुओं की आंखें कई बार नम हो गईं और वातावरण "जय श्रीकृष्ण" के जयघोष से गूंज उठा। आयोजकों ने श्रद्धालुओं के लिए सुंदर व्यवस्था की थी, जिसमें प्रसाद वितरण और शीतल जल की भी सुविधा रही। पूरा कार्यक्रम भक्तिमय वातावरण में शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।

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