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Educational innovation in Nepal: एसएस कॉलेज के 31 शिक्षकों का दल International Seminar से लौटा

शाहजहांपुर स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय के 31 शिक्षकों का दल काठमांडू में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभाग कर लौटा। भारत-नेपाल शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देने वाले इस आयोजन में शोध पत्र पढे गए, एमओयू हस्ताक्षरित हुए और नवाचार पर मंथन हुआ।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय (एसएस कॉलेज) के 31 शिक्षकों का दल काठमांडू में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में प्रतिभाग कर शैक्षिक भ्रमण पूर्ण करके लौट आया है। वाणिज्य व रसायन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सेमिनार का विषय था कॉमर्स, मैनेजमेंट, मानविकी एवं विज्ञान तथा तकनीकी के क्षेत्र में नवाचारी प्रयास। सेमिनार का उद्घाटन नेपाल की डिप्टी स्पीकर इन्दिरा राणा मगर ने किया। उन्होंने नवाचार को विकास की नींव बताते हुए भारत-नेपाल के आपसी सहयोग की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमआईटी कॉलेज काठमांडू के अध्यक्ष सुरेंद्र सुबेदी ने की। उन्होंने शिक्षा व पर्यटन में भारत-नेपाल सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

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इस अवसर पर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि नवाचार तभी सार्थक हैं जब उनका दुरुपयोग नियंत्रित हो। मुख्य की-नोट स्पीकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय नेपाल के कुलपति डॉ. बीजू कुमार थपलियाल ने भारत को नवाचारों की बदौलत आर्थिक शक्ति बताया। भारत की ओर से उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के प्रोफेसर कस्तूरी श्रीनिवास ने अंतरिक्ष विज्ञान व आर्थिक सेवाओं में नवाचार की भूमिका को रेखांकित किया। सह-संयोजक डॉ. चारु मेहरोत्रा ने सेमिनार को पारस्परिक सहयोग का जरिया बताया।

हस्ताक्षरित हुए एमओयू

शैक्षिक सहयोग को औपचारिक रूप देते हुए एसएस कॉलेज, एमआईटी काठमांडू व न्यू दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के बीच एमओयू साइन हुए। एसएस कॉलेज की ओर से डॉ. अनुराग अग्रवाल व बृजलाली, जबकि नेपाल की ओर से सुरेंद्र सुबेदी व देवी चरण ने हस्ताक्षर किए।

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जर्नल और शोध पत्रों का विमोचन

सेमिनार में नोबल एकेडमी पोखरा द्वारा प्रकाशित जर्नल तथा अन्य संस्थानों के शोध पत्रों की पुस्तकों का विमोचन हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भी समा बांधा।

तकनीकी सत्रों में पढ़े गए 50 से अधिक शोध पत्र

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सेमिनार के दूसरे दिन चार तकनीकी सत्र हुए, जिनमें भारत की ओर से 23 तथा नेपाल की ओर से 27 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। राम्या सुधा (आंध्र), इशिका त्रिवेदी (राजस्थान), अंतरा अग्रवाल (एसएस कॉलेज), चिराग मित्तल (दिल्ली) को बेस्ट रिसर्च पेपर प्रेजेंटर अवार्ड दिया गया। समापन सत्र में मधेश विश्वविद्यालय नेपाल के कुलपति डॉ. दीपक शाक्य ने भारत-नेपाल के घनिष्ठ संबंधों की चर्चा की और नवीन तकनीकों के विकास की आवश्यकता जताई। सेमिनार संयोजन सचिव डॉ. आलोक कुमार सिंह ने समापन सत्र में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की, वहीं विश्वेश्वर आचार्य (पोखरा) ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस आयोजन में डॉ. शैलेश कुमार सिंह, डॉ. राजेश कुमार शर्मा, डॉ. सुमन कुमार शर्मा, डॉ. भरत सिद्धार्थ, डॉ. गुंजन सक्सेना, डॉ. अलका मेहरोत्रा, डॉ. वेद प्रकाश, डॉ. कौशल किशोर, डॉ. जबीर हुसैन, डॉ. अजय वर्मा सहित 128 भारतीय शिक्षकों व शोधार्थियों ने सहभागिता की।

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