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खाद संकटः अभिलेखों में खाद इफराद तो समितियों पर क्यों लग रही कतार, कब तक रहेगा उर्वरक हाहाकार

खाद्यान्न उत्पादन में प्रदेश में नंबर वन शाहजहांपुर में एक बार फिर खरीफ सीजन में खाद की किल्लत सामने आई है। अभिलेखों में पर्याप्त खाद के दावे के बावजूद समितियों पर खाद के लिए लंबी कतार लग रही है। किसानों को घंटों प्रतीक्षा के बाद मायूस होना पड1 रहा है।

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Ambrish Nayak
शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन NETWRK)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता । खरीफ की फसल का समय है। किसान अपने खेतों को तैयार करने और बुवाई के लिए जुटे हुए हैं, लेकिन यूरिया और डीएपी खाद की भारी किल्लत ने किसानों की नींद उड़ा दी है। जिले के सरकारी केंद्रों पर खाद पाने के लिए सुबह से ही लंबी कतारें लग रही हैं। कई किसान घंटों इंतजार के बाद भी खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। एक तरफ किसान परेशान हैं वहीं दूसरी ओर जिला कृषि विभाग की रिपोर्ट कहती है कि खाद की पर्याप्त उपलब्धता है और इसका लगातार वितरण भी हो रहा है। इस विरोधाभास ने प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कागजों में खाद की भरमार, पर जमीनी हालात कुछ और

जिला कृषि अधिकारी की RIPORT 10 जुलाई 2025 तक जारी रिपोर्ट के अनुसार, जिले में कुल 1,32,391 टन उर्वरक उपलब्ध है जिसमें से 74,943 टन का वितरण हो चुका है। यानी करीब 57,448 टन खाद अब भी गोदामों में मौजूद बताई जा रही है।

उर्वरक        लक्ष्य (टन)    उपलब्धता    वितरण        अवशेष

यूरिया         1,15,408       87,089     49,300        37,789
डीएपी         22,993         15,865      11,190        4,675
एनपीके       5,670           13,906       5,798         8,108
एमओपी      3,690            3,176        1,729         1,447
एसएसपी     10,139         12,355       6,926         5,429

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तो फिर खाद किसानों को क्यों नहीं मिल रही

यह बड़ा सवाल है। सरकारी रिपोर्टों के मुताबिक यूरिया और डीएपी का भरपूर स्टॉक है मगर खेतों तक खाद नहीं पहुंच पा रही। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि सहकारी समितियों को 41,304 टन यूरिया की आपूर्ति हुई जिसमें से 35,335 टन बांट दी गई जबकि निजी क्षेत्र में 89,948 टन यूरिया दर्शाया गया लेकिन वितरण केवल 56,309 टन रहा। आंकड़ों के अनुसार यूरिया सबसे ज्यादा उपलब्ध है, और वितरण भी अधिक हुआ है, लेकिन जमीनी स्थिति इन आंकड़ों से मेल नहीं खा रही।

बफर स्टॉक और कालाबाजारी का आरोप 

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किसानों का कहना है खाद जानबूझकर रोक कर रखी जा रही है ताकि वह बाद में ऊंचे दामों पर बेची जा सके। कुछ डीलर तो खुलेआम कालाबाजारी कर रहे हैं। सहकारी समितियों को कम आपूर्ति देकर निजी डीलरों को बढ़ावा देना भी एक रणनीति मानी जा रही है। 

किसान बोले - लाइन में लगो, फिर भी मिलना तय नहीं

शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
भाई साहब, खेत तैयार है, पानी भी भरवा दिया लेकिन खाद नहीं मिलने से रोपाई अटक गई है। चार दिन से रोज़ खाद केंद्र जा रहा हूं। सुबह 9 बजे लाइन में लगो दोपहर तक इंतज़ार करो फिर जवाब मिलता है खत्म हो गई। आखिर कब तक ऐसा चलेगा? अगर गोदाम में खाद है जैसा अफसर बता रहे हैं, तो हम किसानों को क्यों नहीं मिल रही? क्या हम गोदाम की भीड़ हैं या खेत के आदमी? श्री कृष्ण  जलालाबाद 

शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

सरकारी केंद्र में पर्ची कटवाई थी। जैसे-तैसे नंबर आया तो बोला गया कि स्टॉक खत्म है। आखिर हमें लूटने की छूट क्यों मिली है? हम किसान हैं भीख नहीं मांग रहे। सरकार हमें कागज दिखा रही है, लेकिन भूख का इलाज आंकड़ों से नहीं होता हरिओम, जलालाबाद

शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

ये पहला साल नहीं है, हर साल यही नौटंकी होती है। गोदामों में यूरिया डंप करके रखी जाती है और प्राइवेट में धीरे-धीरे ऊंचे रेट पर बेची जाती है। सहकारी समितियों की हालत तो भगवान ही जानें। खाद का भी राशन कार्ड बनवा दो, तभी मिल सकेगा। वरना हम किसान बस लाइन में लगते रहेंगे, और गोदाम वाले बयान देते रहेंगे। करुणासिंधु  वाजपेई  गांव जुझारपुर ,पुवायां 

MUDIYA AAS
रामप्रताप यादव Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

खेत में नमी है खाद मिल जाती तो बुवाई कर लेता लेकिन अब सूखने लगा है। खाद के बिना मेहनत बेकार है। अफसर बस मीटिंग कर रहे हैं, जमीन पर उतरें तो समझ में आए दर्द क्या है। रामप्रताप यादव, जलालाबाद 

जिला कृषि अधिकारी बोले खाद की कोई किल्लत नहीं 

जिला कृषि अधिकारी विकास किशोर ने खाद की किल्लत से पूरी तरह इन्कार किया है। कहा कि 2400 एमटी इफको की रैक आ गई है, जो सहकारी समितियों पर भेजी जा रही है। पहले से भी पर्याप्त खाद है। उन्होंने किसानों से जोत के सापेक्ष ही खाद लेने की अपेक्षा की है, कहा कि खाद का भंडारण न करें, जनपद में खाद की कोई कमी नहीं है। 

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