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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। जिले में नहर और नदियों का जलस्तर बढ़ने से हालात गंभीर हो गए हैं। शारदा नहर से लेकर गंगा, रामगंगा, गर्रा और खन्नौत नदियों का उफान सैकड़ों हेक्टेयर खेतों को जलमग्न कर चुका है। कई गांव चारों ओर पानी से घिरकर टापू बन गए हैं। ग्रामीणों को राहत और खाद्य सामग्री की दरकार है।
देवकली क्षेत्र में बुधवार को शारदा नहर का जलस्तर बढ़ गया। नहर की दोनों पटरियों से पानी बहकर खेतों में भर गया। धान, मक्का, उड़द जैसी फसलें डूब गईं। भौरखेड़ा जिगनिया गांव की ओर पानी बढ़ने पर ग्रामीणों ने संपर्क मार्ग काटकर पानी निकासी की, जिससे आवागमन बाधित हो गया।
उफान पर गर्रा नदी
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दियूनी बैराज से 34,636 क्यूसेक पानी गर्रा नदी में छोड़ा गया, जो बीते दिन से 13,855 क्यूसेक कम है। इसके साथ ही कटना नदी से 24,500 क्यूसेक और खखरा नदी से 3,400 क्यूसेक पानी गर्रा में मिल रहा है। इसका असर 62 से 75 घंटे में तिलहर, ददरौल और शहरी क्षेत्र में दिखेगा।
खन्नौत नदी का बढ़ा जलस्तर
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खन्नौत नदी में भी पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है। लोधीपुर पुल पर जलस्तर 145.450 मीटर अजीजगंज पुल पर जलस्तर 148.150 मीटर दर्ज किया गया है, जो सामान्य से लगभग 0.600 मीटर कम है। ग्रामीणों ने बताया कि नदी किनारे के खेतों में पानी भरने लगा है और यदि बारिश व बैराजों से छोड़े गए पानी का दबाव जारी रहा तो तटीय इलाकों के गांव प्रभावित होंगे।
रामगंगा और गंगा से तबाही
जैतीपुर में डभौरा गांव निवासी किसान की पांच भैंसें रामगंगा की बाढ़ में बह गईं। वहीं, मिर्जापुर/कलान क्षेत्र में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर से तीन दर्जन गांव टापू बन गए हैं। भरतपुर-बसोला संपर्क मार्ग कट गया और शमशाबाद स्टेट हाईवे के पांच किलोमीटर हिस्से में तीन फुट तक पानी भर गया। खेतों में धान, तिल, ज्वार और मूंगफली की फसलें बर्बाद हो रही हैं।
नारायणनगर में भूमि कटान
रामगंगा का तेज बहाव नारायणनगर क्षेत्र में ठोकरें तोड़कर उपजाऊ खेतों को काट रहा है। किसानों की बाजरा, तिल और मक्का की फसलें डूब गई हैं। तारापुर, मोहम्मदपुर, गुलरिया, बीघापुर, बसोला, मिर्जापुर, इस्लामनगर समेत दर्जनों गांवों में ग्रामीण राहत सामग्री और पशुओं के लिए चारे की मांग कर रहे हैं।
एसडीएम कलान अभिषेक प्रताप सिंह ने बताया कि बैराजों से छोड़े गए पानी से नदियों का जलस्तर बढ़ा है। प्रशासन सतर्क है और जरूरत पड़ने पर प्रभावित गांवों में राहत सामग्री भेजी जाएगी।
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