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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। जिले में बाढ़ से हालात दिन-प्रतिदिन गंभीर होते जा रहे हैं। चार तहसीलों के कुल 117 गांवों में पानी भर गया है, जिससे आठ हजार से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं। तिलहर में 5, जलालाबाद में 69, कलान में 31 और सदर तहसील के 12 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं। खननौत और गर्रा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जबकि गंगा और रामगंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है।
राहत कार्यों में तेजी
प्रशासन ने अब तक 66 बाढ़ चौकियां और 65 राहत शिविर स्थापित किए हैं, जिनमें से 17 शिविर सक्रिय हैं। 1050 पीड़ितों को सुरक्षित शिविरों में शरण दी गई है। पशुओं के लिए 73 राहत शिविर बनाए गए हैं। अब तक 4 हजार से अधिक पशुओं का उपचार और 5 हजार से ज्यादा का टीकाकरण किया गया है।
बचाव के लिए नाव और मोटरबोट
बचाव कार्यों को तेज करने के लिए प्रशासन ने 36 नावें और 18 मोटरबोट तैनात की हैं। एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें लगातार राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। बीमारियों से बचाव के लिए 58 मेडिकल टीमें गांव-गांव जाकर इलाज कर रही हैं। अब तक 8 हजार से अधिक लंच पैकेट और 3600 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं।
फसलें बर्बाद, मुआवजे का भरोसा
बाढ़ से अब तक 314 हेक्टेयर क्षेत्र की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। प्रशासन ने नुकसान का अनुमान 38 लाख रुपये लगाया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि डीएम को फसल क्षति का आकलन कर प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि बचाव और राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
प्रशासन की लगातार निगरानी
डीएम धर्मेंद्र प्रताप सिंह और एसपी राजेश द्विवेदी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। प्रशासन ने आमजन से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत स्थानीय चौकियों को दें।
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