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गंगा एक्सप्रेस-वेः शाहजहांपुर में बनी हवाई पट्टी पर दिन रात उतरेंगे लड़ाकू विमान, वायुसेना को मिलेगी कमान

गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद क्षेत्र में हवाई पट्टी बनकर तैयार हो गई है। बरेली के त्रिशूल वायुसेना स्टेशन के अधिकारी 15 व 16 अप्रैल को हवाई पट्टी का निरीक्षण करने आएंगे। 28 अप्रैल से 3 मई तक हवाई पट्टटटी वायुसेना के नियंत्रण में होगी।

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Narendra Yadav
शाहजहांपुर

गंगा एक्सप्रेस-वे पर तैयार हवाई पट्टी जिस पर लड़ाकू विमान उतरेंगे। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता

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गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर जनपद में बनाई गई हवाई पट्टी पर बहुत जल्द वायुसेना के लड़ाकू विमान दिन रात उतरेंगे। हवाई पट्टी को तैयार करके वायुसेना के हाथ में कमान देने की तैयारी अंतिम दौर में चल रही है। 28 अप्रैल को वायुसेना की त्रिशूल हवाई अड्डे के अधिकारी इसे अपने कब्जे में ले लेंगे। इसके बाद दो मई को दिन रात ट्रायल होगा। जिसमें वायुसेना लड़ाकू विमानों उड़ान भरने से लेकर उतारे जाने और फ्यूलिंग भी कराई जाएगी। 

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रदेश सरकार की ओर से यूपीडा (यूपी एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की ओर किया जा रहा है। नवंबर 2025 तक इस एक्सप्रेस-वे को तैयार करने की तैयारी चल रही है। गंगा एक्सप्रेस-वे प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें शाहजहांपुर जिले में 41 किलोमीटर क्षेत्र में 44 गांवों से होकर गंगा एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। पिछले दिवस बरेली एयरफोर्स के एक दर्जन अधिकारियों ने चमरपुर खुर्द स्थित हवाई पट्टी का निरीक्षण किया था। अब 15 व 16 अप्रैल को भी वायुसेना के अधिकारी निरीक्षण करके अंतिम रूप देने आ रहे हैं। दो मई को लड़ाकू विमानों के ट्रायल से हवाई पट्टी का ट्रायल होगा। जिसमें लड़ाकू विमान उतारे जाएंगे और उन्हें उड़ान भी भरेंगे। दिन और रात में यहां ट्रायल होगा। यही नहीं हवाई पट्टी पर फ्यूलिंग भी विमानों में कराई जाएगी। 

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पांच किमी क्षेत्र को कब्जे में लेकर तार फेंसिंग कराई जाएगी

गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी के ट्रायल को लेकर पांच किलोमीटर क्षेत्र में आवाजाही पूरी तरह से बंद रहेगी। तार फेसिंग कराई जाएगी। वायुसेना के अलावा यहां कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जाएगा। जिला प्रशासन के लिए सभी इंतजाम करने के लिए निर्देश दिए गए हैं। 28 अप्रैल को वायुसेना इलाके को अपनी कमान में ले लेगी। इसके बाद तीन मई तक वहां वायुसेना का कब्जा रहेगा। पूरी तरह से त्रिशूल एयरवेस का कमांड यहीं से होगा। ग्रुप एडमिन मुदित माथुर के नेतृत्व में 15 व 16 अप्रैल को भी वायुसेना अधिकारी यहां आएंगे।और तैयारियों को परखेंगे। एसडीएम जलालाबाद दुर्गेश यादव ने बताया कि वायुसेना की मांग पर जो सुविधाएं कही गई हैं उन्हें प्रशासन की ओर से पूरा कराया जा रहा है। 

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आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की जाएगी हवाई पट्टी

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हवाई पट्टी का निर्माण चमरपुर कलां गांव से खंडहर गांव के बीच किया गया है। चमरपुर कलां, चमरपुर खुर्द, चढोकर, खूंटा नगला, दियुरा व पीरू गांव के रकबा भी इसमें शामिल किया गया है। वायुसेना अधिकारियों ने निर्माण कंपनी को विमान उतारने की टेस्टिंग से पहले पांच किमी एरिया में फेंसिंग कराने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम ने बताया कि 28 अप्रैल को वायुसेना हवाई पट्टी को अपने कब्जे में ले लेगी। दो से तीन मई के बीच एक्सप्रेसवे की हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों की लैंडिंग कराने की तैयारी है। लैंडिंग का कार्य रात और दिन दोनों समय में होगा। टेस्टिंग के अलग-अलग चरण के तहत विमान को हवाई पट्टी से स्पर्श कराया जाएगा और उस पर दौड़ाया भी जाएगा। इस दौरान विमान में ईंधन स्तर आदि का कार्य भी जांचा जाएगा। यह पट्टी आपातकालीन स्थिति में इस्तेमाल की जा सकेगी। 

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हवाई पट्टी से शाहजहांपुर में एयरपोर्ट के रास्ते खुले

गंगा एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनने से शाहजहांपुर में एयरपोर्ट विकास के रास्ते भी खुल गए हैं। आपातकाल के अलावा इस पट्टी के लिए बाकी दिनों में एयरपोर्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सांसद अरुण सागर इस संबंध में नागर विमानन मंत्री को ज्ञापन भी सौंप चुके हैं। क्योंकि गंगा एक्सप्रेसवे पर ही हवाई पट्टी से कुछ दूरी पर औद्योगिक गलियारा भी बनाया जा रहा है। हवाई पट्टी बनने से शाहजहांपुर के अलावा आसपास के जनपदों हरदोई, फर्रुखाबाद,लखीमपुर खीरी के लोगों को भी लाभ प्राप्त हो सकेगा। वहीं शाहजहांपुर को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। जलालाबाद में भगवान परशुराम की जन्मस्थली का भी विकास और सीधा जुड़ाव देश-दुनिया से हो सकेगा। 

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