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खलील शर्की Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता ! शाहजहांपुर का वार्ड 7 खलील शर्की जिसमें चौभूजी और आंशिक बिजलीपुरा मोहल्ला आता है आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है। करीब 14 हजार की आबादी वाले इस घनी बस्ती वाले क्षेत्र में पानी, सफाई, सड़क, बिजली, राशन और पेंशन जैसी मूलभूत समस्याएं वर्षों से बनी हुई हैं। बरसात के दिनों में हालात और बदतर हो जाते हैं, जब पानी गलियों से होते हुए घरों तक घुस जाता है। साफ-सफाई के संसाधन अधूरे हैं पानी की पाइपलाइन तो पहुंची है लेकिन नलों में पानी नहीं पहुंचा। राशन कार्ड और पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ भी सीमित लोगों को मिल पा रहा है। इन सबके बीच वार्ड के पार्षद मजहर हुसैन अपनी सीमित शक्तियों और संसाधनों के बावजूद हर मोर्चे पर संघर्ष कर रहे हैं। निजी खर्च से सफाईकर्मी तक लगवा चुके हैं और बार-बार अफसरों के दरवाज़े खटखटा रहे हैं। मगर सवाल यही है सिस्टम कब जागेगा
पानी का संकट... सबसे बड़ी पीड़ा
वार्ड 7 में जल संकट लोगों के लिए रोज़ की मुसीबत बना हुआ है। हर घर तक पाइपलाइन पहुंच चुकी है, लेकिन नलों में पानी नहीं आता। चौभूजी में तीन साल पहले बनाई गई पानी की टंकी अब भी चालू नहीं हुई। लोग हैंडपंप से पानी भरने को मजबूर हैं। 8 में से सिर्फ 4 नल रिबोर हुए हैं, बाकी अधूरे पड़े हैं। पार्षद मजहर हुसैन जल निगम, जलकल और नगर निगम के चक्कर लगातार काट रहे हैं, लेकिन अफसरों की बेरुखी से जनता को कोई राहत नहीं मिली। हाल ही में एक 5HP ट्यूबवेल लगाने की प्रक्रिया शुरू हुई है, लेकिन उससे पूरे वार्ड की प्यास नहीं बुझ सकती।
बरसात में घरों में घुसता है पानी, स्वीकृत सड़क से राहत की उम्मीद
अंटा चौराहे से देवी प्रसाद स्कूल तक की सड़क बरसात में जलभराव का कारण बनती थी। सड़क पर पुलिया नीचे होने से बारिश का पानी सीधे घरों में घुस जाता है। अब 450 मीटर लंबी इस सड़क को 1.40 करोड़ रुपये की लागत से बनाने की मंजूरी मिल गई है। यह काम बरसात के बाद शुरू होगा। वार्डवासियों को उम्मीद है कि इससे लंबे समय से चली आ रही जलभराव की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पार्षद ने इस प्रस्ताव को कई बार नगर निगम के समक्ष उठाया, तब जाकर यह योजना स्वीकृत हुई।
14 हजार की आबादी, सफाई कर्मी मात्र 13... हालात बदहाल
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14 हजार आबादी वाले वार्ड में 25 सफाईकर्मियों की जरूरत है लेकिन केवल 13 कर्मचारी तैनात हैं। एक रिक्शा, एक मैजिक और तीन ठेली हैं जिनमें से कई निष्क्रिय पड़ी हैं। गंदगी का अंबार लगता है तो लोग खुद सफाई में जुटते हैं। पार्षद ने दो सफाईकर्मी अपनी जेब से रखे हैं और नगर निगम से कई बार संसाधन बढ़ाने की मांग की है। बावजूद इसके स्थिति जस की तस है। नालियां जाम, गली-मुहल्ले कूड़े से अटे रहते हैं। नगर निगम की अनदेखी से जनता त्रस्त है।
बिजली खंभे बदले, लेकिन अंधेरा कायम
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वार्ड में 25 पुराने खंभों को बदला गया है। अब 31 स्ट्रीट लाइट और 24 हाई मास्क लाइट लग चुकी हैं। लेकिन वार्ड की गलियों में अंधेरा अभी भी कायम है क्योंकि 40 और लाइटों की जरूरत है। वार्ड तीन फीडरों अब्दुलागंज, बहादुरगंज और हथौड़ा से जुड़ा है जिससे बिजली आपूर्ति में बार-बार बाधाएं आती हैं। कई गलियों में तार जर्जर हालत में लटक रहे हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है। पार्षद ने विद्युत विभाग से लगातार शिकायतें की हैं।
सीवर लाइन, सड़कें, लेकिन गालियां अब भी बदहाल
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वार्ड में सीवर लाइन का कार्य लगभग पूरा हो गया है, जिससे जलनिकासी बेहतर हुई है। तीन बड़ी सीसी सड़कों का निर्माण हो चुका है पाकड़ वाली गली, शिव मंदिर वाली गली और दीवानदादा मजार वाली गली। साथ ही 50 मीटर लंबी मालखाना मोड़ की गली भी बनी है। लेकिन अधिकांश गालियां अब भी खस्ताहाल हैं। लोग बरसात में कीचड़ से परेशान रहते हैं। पार्षद ने नगर निगम और डीएम से बजट की मांग की है ताकि सभी गालियों का निर्माण कराया जा सके।
शिक्षा और पेंशन के हालात भी असंतोषजनक
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वार्ड में एक कंपोजिट विद्यालय है जिसमें हाल ही में दो अन्य स्कूलों को मर्ज कर दिया गया है। अब छात्र संख्या 100 से ऊपर हो गई है लेकिन केवल 6 शिक्षक हैं। पढ़ाई पर असर पड़ता है। पेंशन योजनाओं में वृद्धा, विधवा और विकलांग पेंशन के लिए पार्षद ने अब तक 20-25 लोगों को लाभ दिलाया है। पार्षद स्वयं आवेदन शुल्क भी नहीं लेते। बावजूद इसके कई पात्र लोग अब भी वंचित हैं। विभागीय अधिकारियों की उदासीनता यहां भी बड़ा मुद्दा है।
राशन कार्ड से भी पात्र वंचित
वार्ड में केवल 300-400 परिवार ही राशन का लाभ ले पा रहे हैं जबकि 30-40 और नए कार्ड बनने चाहिए। गरीब और जरूरतमंद परिवार सालों से इंतजार कर रहे हैं। पार्षद मजहर हुसैन ने कई बार अधिकारियों से शिकायत की मगर सुनवाई नहीं हुई। कुछ लोगों के कार्ड ऑनलाइन लंबित हैं तो कुछ को पात्रता के बावजूद नाम नहीं मिल रहा।
मुहल्लावासियों के बोल
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हमारे मोहल्ले में टंकी तीन साल पहले बनी थी लेकिन आज तक उससे पानी नहीं आया। सुबह होते ही महिलाएं बाल्टी लेकर हैंडपंप की लाइन में लग जाती हैं। बच्चों को स्कूल भेजने से पहले पानी का इंतजाम करना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है। --निवासी चौभूजी (पानी पर
सप्ताह भर तक कोई सफाईकर्मी नहीं आता। गली में कूड़े का अंबार लगा रहता है। मच्छर और दुर्गंध से बीमारियां फैल रही हैं। कई बार फोन किए आवेदन दिए लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। ---GEETA DEVI, बिजलीपुरा (सफाई पर
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बरसात में सड़क पर इतना पानी भर जाता है कि घरों के अंदर घुस जाता है। पुलिया नीचे है जिससे पानी निकल ही नहीं पाता। जब तक सड़क नहीं बनेगी तब तक हर बारिश हमारे लिए आफत बनकर आएगी। ---अंटा रोड निवासी (सड़क व जलभराव पर
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सीवर लाइन डाली तो गई लेकिन सड़क की हालत वैसी ही छोड़ दी गई। गड्ढों में बरसात का पानी भर जाता है बच्चे गिरते हैं बूढ़े फिसलते हैं। निगम वाले आते हैं फोटो खींचकर चले जाते हैं। --निवासी शिव मंदिर वाली गली
सीवर का काम तो खत्म हो गया लेकिन सड़क तो पूरी तरह से टूटी पड़ी है। बरसात में घर के बाहर कीचड़ भर जाता है। किसी की बाइक फंसती है तो किसी का स्कूटर फिसलता है। -सविता देवी, निवासी मालखाना मोड़
हमने कई बार पार्षद से शिकायत की उन्होंने नगर निगम को लिखा भी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गली में सीवर लाइन के बाद दोबारा कोई मरम्मत नहीं हुई। ऐसे में काम अधूरा लगता है। --रईस खान, निवासी तीन खंभा क्षेत्र
पार्षद की बात
जनता पानी, सफाई और राशन जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए लगातार जूझ रही है। उन्होंने कहा तीन साल पहले बनी पानी की टंकी आज भी चालू नहीं हो पाई। पाइपलाइन तो है मगर पानी नहीं। लोग रोज परेशान होते हैं, लेकिन विभाग आंखें मूंदे है। सफाई व्यवस्था पर उन्होंने बताया कि संसाधनों की भारी कमी है, फिर भी उन्होंने अपनी जेब से दो सफाईकर्मी लगाए हैं। मैंने हर समस्या को प्राथमिकता दी स्ट्रीट लाइट लगवाई सीसी रोड बनवाई, पेंशन दिलवाई, लेकिन कई काम बजट के अभाव में अधूरे हैं। पार्षद ने कहा कि जब तक हर घर तक पानी, हर गली तक सड़क और हर पात्र को राशन-पेंशन नहीं मिल जाता, मेरा संघर्ष जारी रहेगा। --पार्षद मजहर हुसैन वार्ड 7
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