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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। वायु प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण वाहनों व कारखानों से निकलने वाला धुआं है, लेकिन पराली व अन्य फसल अपशिष्ट जलाना भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। कई बार जागरूकता अभियान और सख्ती के बावजूद किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले थम नहीं रहे। इसको देखते हुए जिला प्रशासन ने इस बार बेहद सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
गन्ना पर्ची होगी निरस्त, सरकरी योजनाओं का नही मिलेगा लाभ
जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने साफ कहा है कि पराली जलाने वाले किसानों की गन्ना पर्ची निरस्त कर दी जाएगी। धान बेचने के लिए किए गए पंजीकरण का सत्यापन भी रोक दिया जाएगा, जिससे किसान अपना धान सरकारी क्रय केंद्र पर नहीं बेच पाएंगे। इतना ही नहीं, ऐसे किसानों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
बिना एसएमएस वाली कंबाइन जब्त
डीएम धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने निर्देश दिया कि बिना एसएमएस (सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) वाली कंबाइन मशीनें जब्त की जाएंगी। अधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि बिना एसएमएस की कंबाइन खेतों में न चलें।
रात में चौपाल, गांववार निगरानी
पराली जलाने की रोकथाम के लिए गांववार ड्यूटी लगाई जाएगी। रात में चौपालों के जरिए किसानों को पराली जलाने के नुकसान और दंड की जानकारी दी जाएगी। साथ ही पराली को गोशालाओं तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की जाएगी।
लगातार बढ़ रहे मामले
शाहजहांपुर में पराली जलाने के मामलों में कमी आने की बजाय उतार-चढ़ाव रहा।पुवायां और सदर तहसील में सबसे ज्यादा पराली जलाने के प्रकरण सामने आए। इसी को देखते हुए इस बार प्रशासन ने अतिरिक्त सख्ती बरतने का निर्णय लिया है।
वर्ष 2022 : 419 मामले
वर्ष 2023 : 132 मामले
वर्ष 2024 : 163 मामले
किसानों को जागरूक करने की पहल
डीएम धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा सेटेलाइट से पराली जलाने वालों पर निगरानी की जाएगी कि खरीफ फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को जागरूक किया जाएगा, ताकि पराली का सुरक्षित निस्तारण हो और पर्यावरण संरक्षित रहे।
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