मिठास : देश-दुनिया के किसानों को मिठास बुलेटिन शुरू, गन्ना से शुगर उत्पादन तक की मिलेगी जानकारी
यूपीसीएसआर ने देश दुनिया के किसानों के लिए मंगलवार को मिठास बुलेटिन की शुरुआत कर दी है। इस बुलेटिन में गन्ना के साथ चीज उत्पादन की भी जानकारी दी जाएगी। यह बुलेटिन प्रत्येक मंगलवार को जारी होगा। इसकी शुरुआत आज से कर दी गई है।
मिठास बुलेटिन में जानकारी देते गन्ना शोध परिषद के प्रसार अधिकारी संजीव पाठक। Photograph: (गन्ना शोध परिषद)
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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद (UPCSR) ने किसानों के लिए ’मिठास बुलेटिन' के रूप में नई पहल शुरू की है। मंगलवार को इस बुलेटिन की शुरुआत कर दी गई। इसमें गन्ना खेती से जुड़ी समसामयिक जानकारी, शोध एवं सरकारी योजनाओं से किसानों को अवगत कराने हेतु गन्ना शोध संस्थान नई पहल के रूप में जानकारी दे रहा है। परिषद के निदेशक वीके शुक्ल ने बताया कि इस बुलेटिन की शुरुआत होने के बाद प्रत्येक मंगलवार सायं 4 बजे नियमित रूप से प्रसारित किया जाएगा।’मिठास बुलेटिन' का उद्देश्य गन्ना किसानों को खेती के मौसमी एवं समसामयिक कार्यों की जानकारी देना, नवीनतम शोधों से अवगत कराना तथा सरकार द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यों की जानकारी प्रदान करना है।
मिठास बुलेटिन गन्ना शोध परिषद । Photograph: (गन्ना शोध परिषद)
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गन्ना खेती की समसामयिक कार्यो के प्रति किसानों को जागरूक करेगा बुलेटिन
यह बुलेटिन न केवल गन्ना शोध संस्थान की गतिविधियों को साझा करेगा, बल्कि अन्य गन्ना शोध संस्थानों से समन्वय स्थापित कर उनके द्वारा कृषकों के हित में किए जा रहे प्रयासों को भी उजागर करेगा। प्रसार अधिकारी डा. संजीव पाठक ने बताया कि परिषद द्वारा विगत पांच वर्षों से प्रत्येक शनिवार को सायं 4 बजे फेसबुक लाइव कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों की सहभागिता होती है। फेसबुक लाइव के एक-एक कार्यक्रम 10 लाख किसानों तक देखे गये हैं। फेसबुक लाइव कार्यक्रम किसी एक विषय पर आधारित होता है जबकि मिठास बुलेटिन में गन्ना सम्बन्धी सभी खबरो का संकलन कर गन्ना किसानों तक पहुँचाने का प्रयास किया जायेगा।
किसान यह कार्यक्रम गन्ना शोध संस्थान के फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल एवं एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी देख सकेंगे। इस पहल से गन्ना किसानों को वैज्ञानिक जानकारी और सरकारी योजनाओं की समयबद्ध जानकारी प्राप्त होगी, जिससे उन्हें गन्ना उत्पादन में लाभ और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाने में मदद की जाएगी।