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जेल प्रशासन : 103 वर्षीय गुरदीप सिंह होली पर हुए रिहा, बेटों की साजिश ने पहुंचाया था जेल

103 वर्षीय गुरदीप सिंह, जिन्हें उनके बेटों ने साजिशन जेल भिजवा दिया था, होली के अवसर पर रिहा हो गए। सहयोग संस्था के मोहम्मद शाहनवाज खान और अधिवक्ता जितेंद्र सिंह के प्रयासों से उन्हें न्याय मिला और रिहा हुए।

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Ambrish Nayak
जेल प्रशासन

शाहजहांपुर में 103 साल के बुजुर्ग को 16 महीने बाद मिली जमानत Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता 

जनपद में बुधवार को 103 वर्षीय गुरदीप सिंह की रिहाई होली के अवसर पर चर्चा का विषय बन गई। उन्होंने अपनी जमीन गुरुद्वारे को दान कर दी थी, जिससे नाराज होकर उनके ही बेटों ने साजिशन उन्हें जेल भिजवा दिया। होली के अवसर पर रिहा हो गए। सहयोग संस्था के मोहम्मद शाहनवाज खान और अधिवक्ता जितेंद्र सिंह के प्रयासों से उन्हें न्याय मिला और रिहा हुए।

2018 से बुजुर्ग की 5 एकड़ जमीन पर मुकदमा चल रहा है.उन्होंने जमीन गुरुद्वारे के नाम कर दी थी. इस बात से बेटे नाराज हो गए. जमीन के मुकदमे को लेकर बेटों ने पिता को गुमराह किया. उनसे कहा कि मामला खत्म हो गया और खुद पेशी पर जाते रहे. कोर्ट से पिता के नाम वारंट कटा और उन्हें जेल जाना पड़ा.

बंडा निवासी गुरदीप सिंह की जेल में लंबी कैद के दौरान उनके बेटों ने कभी उनकी जमानत कराने की कोशिश नहीं की। यह मामला जब सहयोग संस्था के अध्यक्ष मोहम्मद शाहनवाज खान और अधिवक्ता जितेंद्र सिंह के संज्ञान में आया, तो उन्होंने कानूनी लड़ाई लड़ी और अंततः गुरदीप सिंह की रिहाई संभव हो सकी।

गुरदीप सिंह ने जेल से बाहर आते ही कहा, "सच की हमेशा जीत होती है।" उनकी रिहाई पर स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने हर्ष व्यक्त किया।

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मुख्य बिंदु:

गुरदीप सिंह ने अपनी जमीन गुरुद्वारे को दान कर दी थी।

बेटों ने उन्हें साजिश के तहत जेल भिजवा दिया और जमानत तक नहीं करवाई।

सहयोग संस्था और अधिवक्ता जितेंद्र सिंह के प्रयासों से न्याय मिला।

होली के अवसर पर गुरदीप सिंह की रिहाई हुई।

सामाजिक संगठनों ने इसे न्याय की जीत बताई।

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समाजसेवी संस्था ने बुजुर्ग की जमानत कराई। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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इस पूरे घटनाक्रम ने समाज में वृद्धों के साथ हो रहे अन्याय की ओर ध्यान आकर्षित किया है और यह संदेश दिया कि सामाजिक सहयोग से न्याय पाया जा सकता है।

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