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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विष्णु कुमार शर्मा के निर्देश पर गुरुवार को भावलखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव डीएलएसए ओम प्रकाश मिश्र-तृतीय ने की।
भ्रूण हत्या अपराध पर दी विस्तृत जानकारी
एलएडीसीएस चीफ दिनेश कुमार मिश्रा ने कहा कि गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण कराना व भ्रूण हत्या कानूनन अपराध है। उन्होंने बताया कि आज लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से आगे हैं। साथ ही उन्होंने 13 सितंबर को होने वाली लोक अदालत और विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी भी दी।
भ्रूण हत्या पर चिकित्सा विशेषज्ञों का दृष्टिकोण
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजीव भारती ने कहा कि भ्रूण की हत्या चाहे गर्भ में हो या बाहर, हत्या ही मानी जाएगी। एलएडीसीएस असिस्टेंट विवेक शर्मा ने बताया कि PCPNDT एक्ट गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व तकनीकों के दुरुपयोग को रोकने के लिए बना है। इसके उल्लंघन पर कड़ी सजा व जुर्माने का प्रावधान है।
समाज पर पड़ने वाले प्रभाव
वरिष्ठ लिपिक मो. अफजल ने बताया कि किसी महिला को उसकी इच्छा के विरुद्ध भ्रूण हत्या के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। काउंसलर नंदिनी ने कहा कि भ्रूण हत्या से समाज में लिंगानुपात बिगड़ रहा है, इसलिए इसे रोकने के लिए हर नागरिक को जागरूक होना होगा।
कार्यक्रम में सहभागिता रही
कार्यक्रम का संचालन पीएलवी अनिल वर्मा ने किया। शिविर में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी व आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं और भ्रूण हत्या रोकने की शपथ ली।
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