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शाहजहांपुर में 150 से अधिक किसानों ने सीखी आधुनिक सिंचाई तकनीक

शाहजहांपुर के कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में उद्यान विभाग ने ड्रिप व माइक्रो इरिगेशन पर प्रशिक्षण दिया। विशेषज्ञों ने जल संरक्षण, पैदावार बढ़ाने और किसानों की आय दोगुनी करने की तकनीक बताई। 150 से अधिक किसानों ने भाग लिया।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (SHAHJAHANPUR NETWRK)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताउद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की ओर से पर ब्लॉक-वन कॉप और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत प्रदेश में संचालित उपघटक पर ड्रॉप मोर क्रॉप माइक्रो इरिगेशन (पीडीएमसी) के तहत शुक्रवार को कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में 150 से अधिक किसानों ने भाग लेकर आधुनिक सिंचाई पद्धतियों और कृषि में नवीन तकनीकों की जानकारी प्राप्त की।

जिला उद्यान अधिकारी ने दी अनुदान योजनाओं की जानकारी

जिला उद्यान अधिकारी पुनीत कुमार पाठक ने उत्तर प्रदेश सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि गन्ना, गेहूं और उद्यानिक फसलों में ड्रिप एवं मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने पर लघु, सीमांत, महिला तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के किसानों को 90 प्रतिशत और अन्य श्रेणी के किसानों को 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। वहीं रेनगन और पोर्टेबल स्प्रिंकलर पर 65 से 75 प्रतिशत तक अनुदान उपलब्ध है। जल संरक्षण और आर्थिक लाभ जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को समझाया कि सूक्ष्म सिंचाई पद्धति न केवल जल संरक्षण में सहायक है बल्कि भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन को रोकने में भी मददगार है। इसके अलावा फसलों की उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी आती है जिससे किसानों की आय बढ़ती है और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचाने में योगदान मिलता है।

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Photograph: (SHAHJAHANPUR NETWRK)

विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव

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जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्र ने गन्ने की फसल में ड्रिप सिंचाई के लाभ बताते हुए कहा कि इससे पानी की बचत के साथ गन्ने की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार होता है। कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डॉ. एन.सी. त्रिपाठी ने किसानों की आय दोगुनी करने में उनकी भूमिका और पर ब्लॉक-वन कॉप योजना के महत्व पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ वैज्ञानिक एन.पी. गुप्ता ने प्राकृतिक खेती के फायदे बताए जबकि वैज्ञानिक (उद्यान) डॉ. महेश कुमार ने सब्जियों और फलों में सूक्ष्म सिंचाई के प्रयोग पर चर्चा की। वैज्ञानिक (कीट) डॉ. विमल कुमार सिंह ने एकीकृत खर-पतवार, कीट एवं रोग प्रबंधन की तकनीक बताई। वैज्ञानिक (गृह विज्ञान) डॉ. विद्या गुप्ता ने पोषण वाटिका के महत्व और एक आदर्श गृह वाटिका स्थापित करने की प्रक्रिया समझाई।

बाजार और वित्तीय जानकारी


एल.डी.एम., बैंक ऑफ बड़ौदा ने किसानों को ऋण आवेदन प्रक्रिया और इसे आसानी से प्राप्त करने के तरीके बताए।
वरिष्ठ विपणन निरीक्षक सर्वेश कुमार यादव ने औद्यानिक फसलों के विपणन, न्यूनतम समर्थन मूल्य और सरकार की अन्य किसान हितैषी योजनाओं की जानकारी दी। गंगा भूमि सीड्स फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक राकेश कुमार पांडेय ने एफपीओ के माध्यम से समूह में खेती करने के लाभ समझाए।

कार्यक्रम में मौजूद रहे

प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपनिरीक्षक अनिल कुमार, राकेश कुमार, सहायक उपनिरीक्षक दिव्या यादव, प्रधान पूरन लाल यादव, डी.आर.पी. सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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