Advertisment

नगर निगम: बकायेदारों पर कसा शिकंजा, टैक्स वसूली को 26 प्रतिष्ठान सील

नगर निगम ने शाहजहांपुर में हाउस और वाटर टैक्स न भरने पर 26 प्रतिष्ठान सील किए। बकायेदारों को जल्द कर जमा करने की चेतावनी दी गई। अब तक 8 लाख की वसूली हुई, मार्च के बाद 12% ब्याज लगेगा।

author-image
Anurag Mishra
नगर निगम

संस्थान सेल करते नगर निगम के कर्मचारी Photograph: (yen network )

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता 

नगर निगम ने हाउस और वाटर टैक्स बकाया रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी के नेतृत्व में निगम की टीम ने सदर बाजार और बहादुरगंज सब्जी मंडी में 26 प्रतिष्ठानों को सील कर दिया। निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक बकाया राशि जमा नहीं होगी, तब तक प्रतिष्ठान नहीं खोले जाएंगे। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य कर दायित्वों को लेकर जागरूकता बढ़ाना और समय पर कर भुगतान सुनिश्चित करना है।

यह भी पढ़ें: लखनऊ नगर निगम ने होली पर साफ सफाई की शिकायतों के लिए जारी किया टोल फ्री नम्बर

आने वाली गर्मियों में जल संकट से बचने के लिए क्या करें?

सीलिंग की सूचना मिलते ही पहुंचे बकायेदार  निगम की कार्रवाई की सूचना मिलते ही कई बकायेदार तुरंत कर भुगतान करने पहुंच गए। जिन्होंने तत्काल अपने हाउस और वाटर टैक्स का भुगतान किया, उनके प्रतिष्ठान खोल दिए गए। वहीं, अन्य बकायेदारों को निर्देश दिया गया कि वे जल्द से जल्द अपना बकाया कर जमा करें, अन्यथा उनकी संपत्तियों को भी सील किया जा सकता है। निगम अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान नियमित रूप से जारी रहेगा, ताकि सभी बकायेदारों से बकाया राशि की वसूली हो सके।

यह भी पढ़ें : Scam: नगर निगम में चल रही है मृतक आश्रित नियुक्तियों की घपले बाजी

नगर निगम की योजनाओं का लाभ कैसे उठाएं?

Advertisment

मार्च के अंत तक कर भुगतान करने की अपील मुख्य कर निर्धारण अधिकारी ने जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 के लिए बकाया कर जमा करने की अंतिम तिथि मार्च माह का अंत है। यदि कर समय पर नहीं जमा किया गया, तो 12% अतिरिक्त ब्याज लगाया जाएगा, जिससे बकायेदारों पर वित्तीय बोझ बढ़ सकता है। नगर निगम ने करदाताओं से अपील की है कि वे समय पर कर जमा कराएं और अनावश्यक दंड से बचें। इस दौरान कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक, कर संग्रहकर्ता और प्रवर्तन दल की टीम मौके पर मौजूद रही।

यह भी पढ़ें: नगर निगम का कारनामा, एक व्यक्ति की मौत के बनाये तीन-तीन मृत्यु प्रमाण पत्र

 बिल भुगतान में देरी पर क्या हो सकते हैं कानूनी परिणाम?

अब तक 8 लाख रुपये की हुई वसूली नगर निगम के इस अभियान के तहत अब तक लगभग 8 लाख रुपये की वसूली हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि आगे भी यह अभियान जारी रहेगा और बड़े बकायेदारों पर विशेष नजर रखी जाएगी।  निगम के अनुसार, हाउस और वाटर टैक्स का भुगतान न करने पर संबंधित संपत्ति पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य नगर निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत करना और शहर के विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलाना है।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Bareilly News : नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में 800 करोड़ का बजट पास

Advertisment
Advertisment