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नौसेना दिवस पर विशेषः शाहजहांपुर की बेटी शुभांगी ने नौसेना में रचा इतिहास, बनी पहली महिला पायलट, शौर्य परंपरा में जुड़ा नया अध्याय

नौसेना दिवस पर शाहजहांपुर देश को फिर गौरवान्वित कर रहा है। परमवीर चक्र अलंकृत नायक जदुनाथ सिंह की धरती ने अब शुभांगी स्वरूप जैसी पहली महिला नौसेना पायलट को दिया है। समुद्री टोही विमान उड़ाने वाली शुभांगी नारी शक्ति और सैन्य परंपरा का नया प्रतीक हैं।

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Narendra Yadav
भारतीय नौसेना का जहाज INS तेग सेशेल्स के बंदरगाह पर | यंग भारत न्यूज

भारतीय नौसेना का अत्याधुनिक स्टेल्थ फ्रिगेट INS तेग सेशेल्स के पोर्ट विक्टोरिया में लंगर डाले हुए। यह दौरा भारत और सेशेल्स के बीच गहरे रक्षा संबंधों का प्रतीक है | यंग भारत न्यूज

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः  शौर्य की धरती शाहजहांपुर से नौसेना में नई कहानी हैं शुभांगी स्वरूप। या यूं कहे की शाहजहांपुर की बेटी ने नौसेना में स्वर्णिम अध्याय लिखा है। दरअसल आजादी के आंदोलन में तीन अमर सपूतों और परमवीर चक्र विजेता नायक जदुनाथ सिंह के बलिदान से चर्चित शाहजहांपुर ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित किया है। इसी धरती ने भारतीय नौसेना को उसकी पहली महिला पायलट शुभांगी स्वरूप प्रदान की है। नौसेना दिवस (4 दिसंबर) पर शुभांगी न सिर्फ देश, बल्कि जिले की वीर परंपरा का चमकता प्रतीक बनकर सामने आती हैं।

2017 में इतिहास रचने वाली पहली महिला नौसेना पायलट

पिता ज्ञान स्वरूप के साथ शुभांगी स्वरूप
पिता ज्ञान स्वरूप के साथ शुभांगी स्वरूप Photograph: (इंटरनेट मीडिया)

तिलहर कस्बे की शुभांगी स्वरूप 22 नवंबर 2017 को केरल स्थित एझिमाला नौसेना अकादमी से पास आउट होकर देश की पहली महिला नेवी पायलट बनीं। वह उन 328 कैडेटों में शामिल थीं जिन्होंने उस दिन आयोग प्राप्त किया, पर इतिहास केवल उनके नाम दर्ज हुआ। शुभांगी को समुद्री टोही विमान (Maritime Reconnaissance Aircraft) उड़ाने की जिम्मेदारी मिली, जो दुश्मन गतिविधियों की निगरानी और समुद्री सुरक्षा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में वह सेना के कई अहम मिशन का हिस्सा बनी हुई हेा।

पिता कमांडर, परिवार में सैन्य अनुशासन, पोती की उपलब्धि पर दादा-दादी का उल्लास

बेटी शुभांगी की पास आउट परेड में दुलार करते ता ज्ञान स्वरूप के साथ शुभांगी स्वरूप व मां
बेटी शुभांगी की पास आउट परेड में दुलार करते ता ज्ञान स्वरूप के साथ शुभांगी स्वरूप व मां Photograph: (इंटरनेट मीडिया)
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शुभांगी के पिता ज्ञान स्वरूप भारतीय नौसेना में बतौर कमांडर देश की सेवा कर रहे हैं। दादा रमेश चंद्र गुप्ता, जनपद में सेवानिवृत्त सब पोस्टमास्टर रहे। वह बताया करते थे कि पोती बचपन से कहती थी  “मेरी तमन्ना आसमां छूने की है।”  बालपन के शब्द सच साबित हुए और आज शुभांगी स्वरूप वाकई आसमान छू रही है। 

जब भी चार दिसंबर यानी नौसेना दिवस आता है, उनके तिलहर मुहल्ले के कुंवरगंज स्थित पैतृक घर में उत्सवी परिदृश्य हो जाता है।  हो भी क्यों न, आखिर वह नौसेना की पहली महिला पायलट बनी और अब सेना का प्रमुख हिस्साद्य 

हाल ही में आई थीं घर, आशीर्वाद लेकर गई थीं प्रशिक्षक उड़ान के लिए

शुभांगी  अपने साथियों के साथ
शुभांगी अपने साथियों के साथ Photograph: (इंटरनेट मीडिया)

कुछ दिन पहले ही शुभांगी तिलहर स्थित घर आई थीं और दादा-दादी से आशीर्वाद लेकर वापस गईं। उनके ताऊ सत्य स्वरूप गुप्ता बताते हैं कि छोटे भाई ज्ञान स्वरूप 1986 में ही नौसेना में भर्ती हो गए थे, और अब इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए शुभांगी ने परमानेंट कमीशन के साथ इतिहास रच दिया है।

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नारी शक्ति और जिले के गौरव की नई मिसाल

हर युद्ध, हर मिशन में रणनीतिक भूमिका निभाने वाले समुद्री टोही विमानों की कॉकपिट में अब शाहजहांपुर की बेटी बैठती है। शुभांगी ने न सिर्फ भारतीय नौसेना में महिलाओं की भागीदारी का नया दरवाज़ा खोला, बल्कि जिले के गौरव में नया अध्याय भी जोड़ दिया है।

नौसेना दिवस पर शुभांगी स्वरूप देश, नौसेना और शाहजहांपुर—तीनों के लिए साहस, अनुशासन और नारी शक्ति की प्रेरक मिसाल बनकर उभरती हैं।

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