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शाहजहांपुर में सड़क सुरक्षा के नाम पर लापरवाही परिवार की खुशियां मातम में बदलीं पत्थर बना मौत का कारण तिलक में जाने वाले चाचा-भतीजे की मौत

शाहजहांपुर के कोला पुल के पास सड़क किनारे रखे पत्थरों से बाइक टकराने से तिलक में जा रहे चाचा-भतीजे की मौत हो गई। जिस बाइक को तिलक में देना था, उसी ने दो परिवारों को मातम में डुबो दिया। दो साल से पत्थर हटाए नहीं गए थे, लापरवाही ने दो जानें ले लीं।

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maharaj singh
शाहजहांपुर में सड़क सुरक्षा के नाम पर लापरवाही परिवार की खुशियां मातम में बदलीं पत्थर बना मौत का कारण तिलक में जाने वाले चाचा-भतीजे की मौत

शाहजहांपुर में सड़क सुरक्षा के नाम पर लापरवाही परिवार की खुशियां मातम में बदलीं पत्थर बना मौत का कारण तिलक में जाने वाले चाचा-भतीजे की मौत Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर वाईबीएन नेटवर्क। सड़क लापरवाही का दर्दनाक उदाहरण सामने आया है। जलालाबाद थाना क्षेत्र के कोला पुल के पास बाइक सवार चाचा-भतीजे की पत्थर से टकराकर मौत हो गई। जिस बाइक को बहन के तिलक में गिफ्ट के तौर पर देना था, उसी बाइक ने दो घरों की खुशियां हमेशा के लिए छीन लीं। ढकिया रघा गांव के रविंद्र (30 वर्ष) अपनी बड़ी बहन अरुणा देवी के तिलक समारोह में जा रहे थे। शादी 30 नवंबर को जखिया गांव में तय थी। उनके साथ गांव के ही भतीजे मोनू (28 वर्ष) भी अपाचे बाइक पर सवार थे। दोनों खेती करके परिवार का पालन-पोषण करते थे।

कोला पुल के पास सड़क किनारे रखे पत्थरों से बाइक टकराने से तिलक में जा रहे चाचा-भतीजे की मौत हो गई
कोला पुल के पास सड़क किनारे रखे पत्थरों से बाइक टकराने से तिलक में जा रहे चाचा-भतीजे की मौत हो गई Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

सड़क किनारे रखे पत्थर नहीं हटाए, दो साल से बने हुए थे ब्रेकर

जानकारी के अनुसार कोला पुल पर करीब दो वर्ष पहले बड़े पत्थर रखकर ब्रेकर बनाया गया था, ताकि भारी वाहन पुल से न गुजरें। लेकिन बाद में आवाजाही शुरू होने के बावजूद पत्थरों को हटाया नहीं गया। इनको किनारे कर दिया गया, जिससे रात में दिखाई देना मुश्किल हो जाता है।

तिलक में देने वाली बाइक से ही हो गया हादसा

सड़क लापरवाही का दर्दनाक उदाहरण सामने आया
सड़क लापरवाही का दर्दनाक उदाहरण सामने आया Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
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इन्हीं पत्थरों से बाइक तेज रफ्तार में टकरा गई, टक्कर इतनी जोरदार थी कि दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, पुलिस उन्हें सीएचसी जलालाबाद लेकर आई, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

हादसे के बाद घर में कोहराम मच गया। रविंद्र अविवाहित थे, जबकि मोनू की दो साल के बेटे और एक महीने की बेटी के साथ पत्नी रो-रोकर बेहाल है। शादी की खुशियां मातम में बदल गईं।
थाना प्रभारी राजीव तोमर ने बताया कि शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।

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