शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
जनपद में बिजली विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने एक नई पहल की शुरुआत की है। अप्रैल 2025 से विभाग में कार्यरत सभी नियमित व संविदा कर्मियों का वेतन और भुगतान अब बायोमैट्रिक उपस्थिति के आधार पर किया जाएगा। यह निर्णय बरेली मंडल के मुख्य अभियंता के निर्देश पर लिया गया है, जिसके बाद शाहजहांपुर के अधीक्षण अभियंता (एसई) ने अधिशासी अभियंताओं को स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए हैं।नए नियमों के अनुसार, जिन क्षेत्रों में लाइन लॉस अधिक होगा, वहां तैनात कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, उपकेंद्रों पर आउटसोर्सिंग के तहत संविदा कर्मियों की संख्या अधिक पाई गई तो उनके भुगतान पर रोक भी लगाई जा सकती है।
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यह कदम कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से उठाया गया है।वहीं, अप्रैल 2025 के बाद विभागीय कार्यों में पारदर्शिता लाने हेतु सभी फाइलों का आदान-प्रदान ई-ऑफिस के माध्यम से किया जाएगा। ट्रांसफॉर्मर खराबी की जिम्मेदारी भी अब तय कर दी गई है। सौ केवीए तक के ट्रांसफॉर्मर की खराबी पर जेई को, 160, 250 और 400 केवीए के ट्रांसफॉर्मर की स्थिति पर एसडीओ को जवाब देना होगा। 630 से 1000 केवीए तक के ट्रांसफॉर्मर की निगरानी और जवाबदेही अधिशासी अभियंता की होगी।
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