शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता
कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को कुछ अलग ही नज़ारा था। जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राजस्व वादों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को सधे अंदाज़ में सख्त निर्देश दिए गए। अब वादों में देरी नहीं, तय समय सीमा में समाधान चाहिए।
बैठक में तहसीलवार धारा 144, 24, 34, 67, 80, 116 एवं 38(2) के तहत लंबित वादों की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि तीन से पांच वर्ष से अधिक समय से लंबित मामलों को तत्काल प्रभाव से निस्तारित करना अनिवार्य है। खासतौर पर धारा 229बी और 144 के मामलों को इसी माह निपटाने के निर्देश दिए गए हैं।
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धारा 34 के अंतर्गत 45 दिन से अधिक समय से लंबित वादों को लेकर भी जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और कहा कि इनका निस्तारण हर हाल में 15 अप्रैल तक कर दिया जाए। वहीं धारा 38(2) के एक साल पुराने केस भी इस महीने के भीतर सुलझाए जाएं। डीएम ने साफ कर दिया कि यदि किसी भी वाद के दर्ज होने में अनावश्यक देरी पाई गई, तो संबंधित तहसीलदार और नायब तहसीलदार की खैर नहीं। उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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बैठक में उच्च अधिकारियों की मौजूदगी:
बैठक में उप जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अरविंद कुमार, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संजय कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी (न्यायिक) राशिद अली और नगर मजिस्ट्रेट प्रवेन्द्र कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक से एक बात तो स्पष्ट है अब राजस्व वादों के निस्तारण में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। शाहजहांपुर प्रशासन पूरी सख्ती के साथ जनता को न्याय दिलाने के लिए कमर कस चुका है।
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