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उच्च न्यायालय के आदेश पर PWD के छह अभियंताओं व बरेली के ठेकेदार जावेद खान के खिलाफ परिवाद दर्ज

पीलीभीत का चर्चित 514 लाख का पुल फिर सुर्खियों में आ गया है। मामले में बरेली के ठेकेदार जावेद खान को अनुचित लाभ पहुंचाने, प्रतिभागी ठेकेदार को हानि व कष्ट पहुंचाने आदि आरोपों मे हाईकोर्ट के आदेश छह अभियंताओ के खिलाफ परिवाद पंजीकृत किया गया है।

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Narendra Yadav
भ्रष्टाचार के आरोप

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः  उच्च न्यायालय के पीलीभीत के चर्चित 514 लाख के पुल के मामले में बदायूं की अदालत में परिवाद पंजीकृत कराया गया है। मामले में में लोक निर्माण विभाग के छह अभियंताओं समेत बरेली के ठेकेदार जावेद खान को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि अभियंताओं ने पद का दुरुपयोग करते हुए अवैध रूप से ठेकेदार को लाभ पहुंचाया, जिसमें सतीश चंद्र को हानि व कष्ट के साथ ही जावेद खान को 47 लाख अतिरिक्त लाभ देकर शासकीय धन का दुरुपयोग किया गया है। 

 तीन बार टेंडर किया निरस्त, सतीश का  ब्लैकलिस्ट कर चौथी बार जावेद को एकल टेंडर में दे दिया 47 लाख अधिक में पुल निर्माण का ठेका

मामला 2020 का है। पीलीभीत में रपटुआ पुल निर्माण को 514 लाख का टेंडर निकला। शाहजहांपुर के मूल निवासी सतीश चंद्र दीक्षित ने टेंडर डाला। सतीश के पक्ष में परिणाम आने पर अधीक्षण अभियंता ने प्रहरी पोर्टल पर टेंडर निरस्त कर दिए। दूसरी, तीसरी, चौथी बार जावेद खान व संबंधित सभी अभियंताओं ने भिलेखो में हेरा फेरी करके टेंडर निरस्त कर दिए। इसके बाद ठेकेदार सतीश चंद्र दीक्षित को फर्म को निरस्त ब्लैक लिस्टेड कर बरेली के ठेकेदार जावेद खान के पक्ष में 47 लाख अधिक कीमत में निविदा स्वीकृत कर दी। 

विधायक के फर्जी लेटर पैड से दिया अंजाम 

मामले में बिल्सी के विधायक आरके शर्मा को भी घसीटा गया। आरोप है कि ठेकेदार जावेद खान ने सतीश चंद्र दीक्षित को पुल निर्माण ने मिलने के लिए विधायक के नाम से फर्जी पत्र लिखकर निविदा निरस्त कराई। सतीश चंद्र दीक्षित का पंजीयन नवीनीकरण भी रुकवा दिया। जब दीक्षित ने विधायक से संपर्क किया तो पोल खुल गई। विधायक ने फर्जी लेटर की पुष्टि के साथ अधीक्षण अभियंता को पत्र लिखा, इसके बाद सतीश को राहत मिली। 

लोकायुक्त ने जांच में पाया दोषी कार्रवाई के दिए थे निर्देश 

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ठेकेदार सतीश चंद्र दीक्षित ने लोकायुक्त के यहां शिकायत की। लोकायुक्त की जांच में ठेकेदार जावेद खान को अनुचित लाभ पहुचाने तथा ठेकेदार दीक्षित को अनुचित अपहानि व कष्ट पहुंचाने के लिए अधीक्षण अभिंयता, अधिशासी अभियंता समेत छह अभियंताओं पद व अधिकार का दुुरपयोग का दोषी पाया। लोकायुक्त के कार्रवाई के आदेश के बावजूद पहुंच के बल पर सभी अधिकारी व ठेकेदार बच गए। 

दोनों ओर से दर्ज कराई गई प्राथमिकी 

लोकायुक्त की जांच के बाद ठेकेदार में FIR वार चला। बरेली के जावेद खान ने सतीश चंद्र दीक्षित के खिलाफ तीन प्राथमिकी दर्ज कराई। सतीश चंद्र दीक्षित ने अदालल में 156/3 के तहत प्राथमिकी को अदालत में आवेदन किया, जहां से राहत नही मिली। हालांकि जावेद खान पक्ष की ओर से दर्ज तीन में से दो प्राथमिकी में राहत मिल गई। 

हाईकोर्ट के आदेश पर परिवाद दायर 

ठेकेदार सतीश चंद्र दीक्षित ने उच्च न्यायालय में वाद दायर किया इलाहाबाद हाईकोर्ट ने  दोनों मामला दर्ज कर दोनों पक्षों को  कठोरता से सुने जाने का आदेश पारित कर दिया। अब सतीश चंद्र दीक्षित ने उच्च न्यायालय के आदेश के साथ सभी छह अभियंताओं व ठेकेदार जावेद खान के खिलाफ परिवाद दायर कर दिया है। इससे अभी तक बचते रहे ठेकेदार व अभियंताओं की मुश्किलें बढना तय है। 

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