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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में वाद निस्तारण पर एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी जताते दंपत्ति Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को विचाराधीन 24 पुराने मामलों के साथ ही कुल एक लाख 646 वादों का निस्तारण किया गया। इस दौरान कारागार के बंदियों तथा शिशु एवं बालगृह के बच्चों ने हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई। लोक अदालत में आए लोगों ने उत्पादों की खरीददारी कर सभी का उत्साहवर्धन किया।
जनपद न्यायाधीश विष्णु कुमार शर्मा की ओर से उदघाटन किया गया। इसके बाद वादों के निस्तारण की प्रक्रिया शुरु हुई। इस दौरान अवंतिका प्रभाकर ने अपर सिविल जज सीडि एव एसीजेएम कक्ष संख्या 20 की ओर से वर्ष 1997 का 28 साल पूरा एक वाद निस्तारण किया गया। इसी तरह सिविल जज सीडि व एफटीसी कोर्ट संख्या 27 के दिनेश कुमार दिवाकर ने पांच वर्ष पुराने द, दस वर्ष पुराने दो, सिविल जज जूडि हिना कौसर ने पांच वर्ष पुराने दो, सिविल जज जूडि एफटीसी कोर्ट संख्या 41 की निधि माधव कुरील ने पांच वर्ष पुराने एक वाद का निस्तारण किया। सिविल जज पुवायां पारस यादव ने 16 पुराने वादों का निस्तारण कर इतिहास रचा। इसी तरह मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की ओर से पीठासीन अधिकारी मोहम्मद रिजवान ने संबंधित कुल 104 वादों का निस्तारण कर 5 करोड 21 लाख 55 हजार 800 रूपये प्रतिकर दिलाये जाने का आदेश पारित किया।
सुलह से दस दंपत्तियों की दूर हुई रार, बढा परस्पर प्यार
पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश नरेंद्र कुमार तृतीय ने 34 फौजदारी वाद व 30 वैवाहिक वादों समेत कुल 64 वादों का निस्तारण किया। इस दौरान दस दंपत्ति के बीच सुलह समझौता कराकर उनके बीच उपजे मतभेद दूर कराए गए। न्यायाधिकारियों ने सुलह समझौता होने पर सभी को नए सिरे से खुशहाल जीवन की शुभकामनाएं दी। दंपत्तियों ने फूल माला पहनाकर तथा एक दूज को मिठाई खिलाकर प्यार व सहकार से साथ रहने का संकल्प लिया।
10156 मामलों के निस्तारण से आया 7.19 करोड राजस्व
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राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 10156 वादो के निस्तारण से 7 करोड 19 लाख 13 हजार 287 रुपये की धनराशि का जुर्माना भी वसूल किया गया। इस दौरान 84520 राजस्व वादों का निस्तारण किया गया। आनलाइन चालानी से सम्बन्धित 5188 मामलों का निस्तारण कर 46 लाख 17 हजार 200 रुपया शमन शुल्क वसूल किया गया। बैंक लोन रिकवरी से संबंधित एक हजार प्री-लिटिगेशन वादों का निस्तारण कराते हुये कुल 10 करोड 14 लाख 27 हजार 222 रुपये धनराशि के साथ ऋण खातों का समझौता कराया गया।इसी तरह
इन न्यायाधिकारियों का रहा मुख्य योगदान
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नेहा आनन्द अपर जिला जज ईसी एक्ट ने 265 विद्युत वादों का निस्तारण किया। ज्योति अग्रवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 2781 आपराधिक वादों का निस्तारण किया और 11 लाख 11 हजार 910 रुपये की धनराशि का जुर्माना वसूल किया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम प्रतिभा प्रथम ने 770, अपर सिविल जज सीडि एसीजेएम मनीष कुमार सिंह ने 723, अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय, सौरभ कुमार गौतम ने 908 वादों का निस्तारण किया। कार्यक्रत में सभी न्यायाधिकारियों के साथ अधिक्ताओ का विशेष सहयोग रहा। संचालक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव व एडीजे ओमप्रकाश मिश्रा ने किया।
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