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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। सेहरामऊ दक्षिणी क्षेत्र में 14 अगस्त को प्रसव पीड़ा से ग्रसित 23 वर्षीय रीता पत्नी अतुल को परिजन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) ले गए। स्वजनों का आरोप है कि आशा कार्यकर्ता ने सुविधाएं न होने की बात कहकर उन्हें निजी अस्पताल ले जाने पर मजबूर कर दिया। अपराह्न करीब 12:50 बजे रीता ने सामान्य प्रसव से बेटे को जन्म दिया।
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डॉक्टर ने लगाया इंजेक्शन, नवजात की मौत
स्वजनों के अनुसार प्रसव के बाद रीता स्वयं चलकर दूसरे कमरे में गई और चाय भी पी। कुछ देर बाद डॉक्टर ने बच्चे की हालत खराब बताकर इंजेक्शन दिए, जिसके बाद नवजात की मौत हो गई। परिजन बच्चे को दफनाने चले गए, तभी कुछ देर बाद रीता की भी मौत हो गई। जच्चा-बच्चा की मौत से परिजन आक्रोशित हो उठे और अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को शांत कराया। शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया। बताया गया कि जिस अस्पताल में प्रसव कराया गया था उसका पंजीकरण भी नहीं है।