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आर्य महिला डिग्री कॉलेज में रेंजर्स शिविर का समापन,आत्मनिर्भरता, अनुशासन और सेवा भाव का मिला प्रशिक्षण

आर्य महिला डिग्री कॉलेज में मंगलवार को आयोजित पांच दिवसीय रेंजर्स शिविर का समापन किया गया। जिसमें छात्रों ने विभिन्न कलात्मक और रचनात्मक गतिविधियों का प्रदर्शन किया। प्राचार्या डॉ० सुनीता जैसल,रेंजर्स प्रभारी डॉ० रजनी सिंह समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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Ambrish Nayak
आर्य महिला महाविद्यालय

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर,वाईबीएन संवाददाता 

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आर्य महिला डिग्री कॉलेज में मंगलवार को पांच दिवसीय रेंजर्स शिविर का समापन समारोह बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ० सुनीता जैसल, प्रो० रूपांशुमाला, प्रो० दुर्गावती सिंह और रेंजर्स प्रभारी डॉ० रजनी सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण किया। समारोह की शुरुआत में कॉलेज प्रशासन और रेंजर्स प्रभारी ने शिविर के उद्देश्य और महत्व पर प्रकाश डाला, इसके बाद छात्राओं द्वारा विभिन्न प्रकार के रचनात्मक और देशभक्ति कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

आर्य महिला महाविद्यालय
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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रेंजर्स ने किया कलात्मक और आत्मनिर्भरता से जुड़े प्रदर्शन:

शिविर में रेंजर्स ने जो प्रशिक्षित कार्य किए, उनमें गांठें बंधन, पुल और मीनारों का निर्माण शामिल था, जो न केवल छात्रों की शारीरिक क्षमता को दिखाते थे, बल्कि उनके मानसिक कौशल और टीमवर्क का भी परिचायक थे। इस प्रकार के कार्यों ने छात्रों को समस्या समाधान और समर्पण की महत्वपूर्ण शिक्षा दी। शिविर में रेंजर्स ने एक अन्य खास प्रदर्शन भी किया, जिसमें बिना बर्तनों के भोजन बनाने का तरीका प्रदर्शित किया गया। यह प्रदर्शन न केवल रेंजर्स के आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम था, बल्कि संकट के समय में काम आने वाली निपुणता को भी दिखाता है।

छह टोलियों में विभाजित छात्राओं ने दी शानदार प्रस्तुतियां:

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प्रशिक्षकों कंचन मिश्रा और खुशी श्रीवास्तव ने छात्राओं को छह टोलियों में विभाजित किया, जिससे रेंजर्स को काम करने का एक समूह रूप में अनुभव हुआ। सभी टोलियों के रेंजर्स ने देशभक्ति गीतों की मधुर प्रस्तुति दी, जो एकजुटता और राष्ट्रप्रेम का संदेश देते थे। विशेष रूप से दुर्गावती और रानी लक्ष्मीबाई टोली ने शिविर के दौरान सीखी गई गतिविधियों और उनके लाभों पर एक आख्या प्रस्तुत की, जो बाकी टोलियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनी।

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प्राचार्या ने दिया प्रेरणादायक संदेश:

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समापन समारोह के दौरान प्राचार्या डॉ० सुनीता जैसल ने इस प्रशिक्षण को जीवन दर्शन के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें छात्रों को चारित्रिक गुणों, व्यक्तित्व विकास, अनुशासन और सेवा भाव के महत्व को समझाया गया। उन्होंने कहा कि यह शिविर छात्राओं के आत्मविश्वास को बढ़ाने और उनके मानसिक विकास में सहायक है। उन्होंने आगे कहा कि रेंजर्स के रूप में छात्राएं जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सकारात्मक योगदान दे सकती हैं।

रेंजर्स प्रभारी ने कर्तव्यनिष्ठा और सेवा भाव के लिए किया प्रेरित:

रेंजर्स प्रभारी डॉ० रजनी सिंह ने छात्रों को सत्यनिष्ठा, ईमानदारी और कर्तव्य परायणता के साथ सेवा भाव में संलग्न रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि इस शिविर से प्राप्त ज्ञान और कौशल का पालन करने से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार आएगा, बल्कि समाज में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

शिविर में महाविद्यालय के शिक्षक अनुराधा, रितु शर्मा, नम्रता लता, माया देवी, शालिनी श्रीवास्तव और अन्य छात्राएं भी उपस्थित थीं, जिन्होंने रेंजर्स के प्रशिक्षण में मदद की और कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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इस शिविर ने न केवल शारीरिक और मानसिक विकास को बढ़ावा दिया, बल्कि छात्रों को सामाजिक सेवा और अनुशासन की दिशा में भी प्रेरित किया। शिविर के समापन पर सभी रेंजर्स को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए, जो उनके कठिन परिश्रम और शिविर के दौरान सीखी गई महत्वपूर्ण कौशलों का प्रमाण था।

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