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मर्जर के बाद भी संचालित रहेंगे विद्यालय, बाल वाटिका बनेंगी शिक्षण की नई राह

शाहजहांपुर में मर्जर किए गए स्कूलों को लेकर सामने आई नई रणनीति, जिससे अभिभावकों की चिंता हो सकती है कम... कुछ स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू होने की भी संभावना जताई गई है। जानिए क्या है पूरा प्लान और प्रशासन की अगली तैयारी।

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Ambrish Nayak
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शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता।  जिले में विद्यालयों के विलय को लेकर शिक्षा विभाग ने बड़ा फैसला लिया है। अब मर्जर किए गए विद्यालयों की इमारतें पूरी तरह से खाली नहीं रहेंगी। विभाग ने स्पष्ट किया है कि इन स्कूलों को बंद नहीं बल्कि शिक्षा के नए प्रारूप में बदला जा रहा है। इन भवनों में बाल वाटिका चलाई जाएंगी, ताकि पूर्व प्राथमिक शिक्षा को और बेहतर किया जा सके।

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शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

जरूरत पड़ी तो फिर खुलेंगे स्कूल, खाली भवनों में शुरू होंगी बाल वाटिकाएं

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शाहजहांपुर में मर्जर किए गए विद्यालयों को लेकर शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय स्थायी नहीं है। विभाग ने कहा है कि यदि भविष्य में किसी क्षेत्र में बच्चों की संख्या में वृद्धि होती है या किसी प्रकार की स्थानीय शैक्षणिक आवश्यकता उत्पन्न होती है, तो मर्ज किए गए विद्यालयों को दोबारा शुरू किया जा सकता है। यह आश्वासन उन ग्रामीणों के लिए बड़ी राहत है, जिन्होंने स्कूलों के स्थानांतरण का विरोध करते हुए बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की आशंका जताई थी।

अब तक जिले में 305 विद्यालयों का मर्ज किया जा चुका है जिसमें अधिकांश स्कूलों में छात्र संख्या 40 से कम थी। इनमें से 160 स्कूल भवनों में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे थे। मर्ज से खाली भवनों का उपयोग बाल वाटिका के रूप में भी किया जाएगा। शिक्षा विभाग का उद्देश्य है कि इन संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जाए ताकि छोटी उम्र के बच्चों को शुरुआती स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि खाली भवनों का उपयोग समुदाय की शैक्षिक जरूरतों के अनुरूप किया जाएगा।

डीएम के निर्देश पर बनी निगरानी टीम

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शिकायतों की सुनवाई और समय पर निस्तारण के लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर एक विशेष जिला स्तरीय टीम गठित की गई है। यह टीम यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो और अभिभावकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो।

बीएसए ने किया निरीक्षण, अभिभावकों से की अपील

बेसिक शिक्षा अधिकारी दिव्या गुप्ता ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करते हुए ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नजदीकी स्कूल में अवश्य भेजें। उन्होंने यह भी कहा कि जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं बने हैं, उनका भी प्रवेश सुनिश्चित कराया जाए।

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