शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
जयप्रभा कुटीर में मंगलवार दोपहर उस समय उत्साह का वातावरण बन गया जब पूर्व वैज्ञानिक हरिप्रसाद गुप्ता का आगमन हुआ। उनके साथ में उनकी धर्मपत्नी एवं पूर्व वैज्ञानिक अर्चना गुप्ता का भी नाम विशेष सम्मान के साथ लिया गया। गुप्ता दंपत्ति 1990 के दशक में मलेरिया शोध केंद्र में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत रहे और तत्पश्चात उनका स्थानांतरण एक साथ गोहाटी हुआ। सेवानिवृत्ति के बाद वे शाहजहांपुर लौटकर स्थायी रूप से यहीं बस गए। गायत्री परिवार से गुप्ता दंपत्ति वर्षों से जुड़े हुए हैं। वर्तमान में जिले में प्रतिवर्ष हजारों विद्यार्थियों को संस्कृति ज्ञान परीक्षा में सम्मिलित कराते हैं और विनोबा सेवा आश्रम बरतारा से निरंतर जुड़ाव रखते हैं।
इस बार उनका आगमन शहर से 25 किलोमीटर दूर स्थित सुदूर गांव छीतेपुर में हुआ जहां पर जयप्रभा कुटीर द्वारा संचालित महिला शिल्प कला केंद्र में सिलाई सीख रहीं बहनों से उन्होंने सीधा संवाद किया। उन्होंने ‘कन्या कौशल शिविर’ के प्रस्ताव पर चर्चा की और इसके आयोजन के विभिन्न पहलुओं पर बेटियों की राय जानी। निकट भविष्य मे अर्चना गुप्ता स्वयं गांव की महिलाओं से संवाद के लिए आने वाली हैं। प्रबंधक बृजेंद्र अवस्थी ने गांव की परंपरानुसार गुड़ और मीठे सेब से उनका स्वागत किया। गुप्ता गांव के सहज जीवन और आत्मीय वातावरण से अत्यंत प्रभावित नजर आए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में सेवा का कार्य करना अत्यंत संतोषप्रद है। इस दौरान उन्होंने विनम्रता से रमेश भइया के मौन संकल्प का भी स्मरण किया और उसकी सुंदर अनुभूति व्यक्त की। गांव वालों को यह देखकर गर्व हुआ कि इतने वरिष्ठ वैज्ञानिक दंपत्ति गांव की बेटियों और महिलाओं के कौशल विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
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