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शाहजहांपुर हिस्ट्रीशीटर की हत्या का खुलासा, पुलिस कराएगी डीएनए जांच, हाथ पर टैटू देखकर पत्नी ने पहचाना था शव, 4 गिरफ्तार

आयुष हत्याकांड का आरोपी व 50 हजार का इनामी शेखर मौर्य कानपुर में बहन और भांजों की साजिश का शिकार हुआ। पत्नी ने टैटू से शव की पहचान की, पुलिस अब डीएनए जांच से पुष्टि करेगी। एसटीएफ और अरमापुर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

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Ambrish Nayak
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Photograph: (shahjahanpur netwrk)

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताचर्चित आयुष गुप्ता हत्याकांड में वांछित और 50 हजार का इनामी हिस्ट्रीशीटर शेखर मौर्य अब खुद हत्या का शिकार हो गया। उसका शव दिसंबर 2024 में कानपुर के अरमापुर नहर से बरामद हुआ था। पत्नी ने उसके हाथ पर बने मां शब्द के टैटू से पहचान की थी। हालांकि शाहजहांपुर पुलिस अब शव की पुष्टि के लिए डीएनए जांच कराएगी।

थाना सदर बाजार इंस्पेक्टर अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि शेखर का कानपुर में लावारिस में अंतिम संस्कार हो चुका है। हत्या का मुकदमा कानपुर में लिखा गया है। डीएनए जांच के बाद पहचान पुख्ता की जाएगी।

आयुष हत्याकांड का आरोपी था शेखर

दो दिसंबर 2024 को ओसीएफ रामलीला मैदान में श्यामगंज गौटिया निवासी दिलीप गुप्ता के बेटे आयुष गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रेम-प्रसंग से जुड़े इस हत्याकांड में 14 आरोपियों को नामजद किया गया था। पुलिस ने हिंदू युवा वाहिनी के पूर्व नेता स्वप्निल शर्मा, आशुतोष उर्फ प्रिंस राजपूत, निशांत मिश्रा, पलक आदि को जेल भेज दिया था। लेकिन चौक कोतवाली के सिंजई मोहल्ला निवासी अभिषेक उर्फ शेखर मौर्य फरार हो गया था। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित हुआ और पुलिस ने उसके घर की कुर्कीतक कर दी थी।

कानपुर में खोला हत्या का राज

एसटीएफ और अरमापुर पुलिस ने अब शेखर की हत्या का पर्दाफाश कर दिया। रविवार को पुलिस ने चार आरोपियों

कुलदीप दुबे (बहन सीमा का परिचित),

अभय कुशवाहा (भांजा),

युवराज कुशवाहा (भांजा)

अजीत मौर्य (बड़ा भाई)

को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
पुलिस के अनुसार, फरारी काटते समय शेखर कानपुर के केशवपुरम में अपनी बहन सीमा के पास छिपा था। बहन ने उसे परिचित कुलदीप दुबे के घर रुकवा दिया। मुकदमों की पैरवी के लिए शेखर ने कुलदीप पर 10 लाख रुपये की मांग रख दी। पत्नी के जेवर बेचवाकर रकम भी दिलवाई गई। इसी दौरान शेखर ने कुलदीप की प्रेमिका से नजदीकियां बढ़ानी शुरू कर दीं। कुलदीप ने समझाया, लेकिन जब वह नहीं माना तो 15 दिसंबर 2024 को कुलदीप ने उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव को बोरे में भरकर अरमापुर नहर में फेंक दिया गया। हत्या में कुलदीप को शेखर के दोनों भांजे और बड़े भाई अजीत ने मदद की।

पत्नी की तहरीर पर केस दर्ज

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करीब आठ माह तक शेखर की हत्या छिपी रही। हाल ही में पत्नी ने एक व्हाट्सएप ग्रुप में फोटो देखी, जिसमें उसके हाथ का टैटू नज़र आया। तब जाकर पूरी सच्चाई सामने आई। पत्नी ने थाने पहुंचकर ननद, भांजों और कुलदीप पर हत्या का आरोप लगाया। अरमापुर थाना प्रभारी मनोज पांडे ने बताया कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

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