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Shahjahanpur News : जिला कारागार की चारदीवारी में गूंजे बाबा साहब के विचार

शाहजहांपुर जिला कारागार में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े ही श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। जिसमें अधिकारियों, कर्मचारियों और बंदियों ने उनके योगदान को याद किया और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके विचारों को जीवंत किया।

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Ambrish Nayak
जिला कारागार शाहजहांपुर

Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

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शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता 

जनपद के जिला कारागार में भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास और गरिमा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम का आरंभ जेल अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों तथा बंदियों द्वारा डॉ. अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।

जिला कारागार शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

इस अवसर पर इच्छुक अधिकारियों और बंदियों द्वारा डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचार और उनके योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। जेल अधीक्षक ने बंदियों को संबोधित करते हुए संविधान निर्माण की जटिल प्रक्रिया और उसमें डॉ. अंबेडकर की महत्वपूर्ण भूमिका को सरल शब्दों में समझाया। उन्होंने बताया कि डॉ. अंबेडकर को संविधान निर्माता क्यों कहा जाता है और किस तरह से उनके प्रयासों से आज देश एक सशक्त लोकतंत्र बन सका है।

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जिला कारागार शाहजहांपुर
Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

जेल अधीक्षक ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि—

डॉ. भीमराव अंबेडकर केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, जो हमें समानता, शिक्षा और न्याय की ओर प्रेरित करती है। वे संविधान निर्माण की प्रक्रिया के स्तंभ थे। आज हम जो लोकतांत्रिक अधिकारों के साथ जीवन जी रहे हैं, वह उनके अथक परिश्रम और विद्वता का परिणाम है। हमें उन्हें सिर्फ पूजना नहीं, बल्कि उनके विचारों को अपनाना और जीवन में उतारना चाहिए। बंदियों को उनके विचारों से प्रेरणा लेकर आत्म सुधार की दिशा में कार्य करना चाहिए।"

कार्यक्रम को और भी रोचक बनाने के लिए बंदियों द्वारा डॉ. अंबेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित गीत, नृत्य एवं लघु नाटिकाएं प्रस्तुत की गईं, जिन्होंने सभी उपस्थित जनों को भावविभोर कर दिया।

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इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि डॉ. अंबेडकर की पहली जयंती 14 अप्रैल 1928 को पुणे नगर में उनके अनुयायी सदाशिव रणपिसे द्वारा मनाई गई थी। इस परंपरा को आगे 1 आप हुए आज देशभर में भीम जयंती को सामाजिक चेतना और समानता के प्रतीक पर्व के रूप में मनाया जाता है।

जिला कारागार शाहजहांपुर
कारागार अधीक्षक मिजाजी लाल। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)

शाहजहांपुर जेल प्रशासन द्वारा अगले 15 दिनों तक अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें व्याख्यान, निबंध लेखन, पोस्टर प्रतियोगिता, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल रहेंगे।

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