शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता
एक ओर प्रदेश सरकार गोसेवा को धर्म और संस्कृति का हिस्सा बताकर करोड़ों खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इससे उलट है। जनपद के ब्लॉक कांट की ग्राम पंचायत आमोरा जाजलपुर और कौंढा की गोशालाएं सरकारी उपेक्षा और भ्रष्टाचार का शिकार बन गई हैं। यहां गोमाताएं चारे-पानी के अभाव में भूख से तड़प-तड़पकर दम तोड़ रही हैं।
गांव वालों का आरोप है कि मरी हुई गायों को उठाने तक की व्यवस्था नहीं है। उनके शव खुले में पड़े रहते हैं, जिन्हें कुत्ते नोच-नोच कर खा रहे हैं। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर ग्रामीणों की आंखें भर आती हैं।
ग्राम प्रधान से लेकर अधिकारी तक लिप्त
ग्रामीणों ने बताया कि गोशालाओं के नाम पर लाखों रुपये का बजट आता है लेकिन उसका कोई उपयोग धरातल पर नहीं दिखता। चारा, पानी, छाया या देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान, ADO पंचायत, VDO और डॉक्टर सभी इस घोटाले में शामिल हैं। हमने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब अधिकारी आते हैं तो पहले से सेटिंग कर ली जाती है। गायों की मौत और हालत की जानकारी तक छिपा दी जाती है नाम न बताने की शर्त पर एक ग्रामीण ने कहा।
गोशाला बना भ्रष्टाचार का अड्डा
स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार चारे की फर्जी बिलिंग कर लाखों रुपये निकाल लिए जाते हैं। कोई हिसाब-किताब नहीं रखा जाता। कई बार बीमार गायों के इलाज के नाम पर भी डॉक्टर सिर्फ फॉर्मेलिटी निभा कर चले जाते हैं।
प्रशासन मौन, ग्रामीणों में आक्रोश
पूरा प्रशासन इस मामले पर चुप्पी साधे है। ब्लॉक व जिला स्तर पर संपर्क करने पर किसी ने जवाब नहीं दिया। इससे ग्रामीणों का गुस्सा और अधिक बढ़ गया है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री और जिला अधिकारी से मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की है।
यह भी पढ़ें:
Shahjahanpur News: गर्मी से बेहाल राहगीरों को लायंस क्लब सहेली ने पिलाया शरबत
Shahjahanpur News: 2.75 करोड़ की लागत से बनेगा बस अड्डा, जल्द रखी जाएगी नींव
केरुगंज चौराहा से बरेली हाईवे तक स्मार्ट रोड का रास्ता साफ, 11.10 करोड़ का बजट स्वीकृत