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कैंट में ग्रीन मैन आफ इंडिया हरित ऋृषि विजय पाल बघेल का स्वागत करते मार्निंग वाकर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी। Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता। ग्रीन मैन आफ इंडिया, हरित ऋृषि विजयपाल बघेल दिन निकलते ही हरिद्वार से शहीदों की नगरी शाहजहांपुर पहुंच गए। मार्निंग वाकर्स एसोसिएशन ने उनका कैंट क्षेत्र में जोरदार स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने हरिवन में हरिशंकरी का पौधा रोपा और इसका महत्व भी बताया। हरिवन में 80 एकड़ जमीन पर लगाए गए पौधा की सुरक्षा को लेकर भी बताया और कहा कि नदी पास में है तो मोरिंगा लगाकर किनारों को सुरक्षित करने को भी कहा। उन्होंने शाहजहांपुर में वृक्षारोपण और हरियाणी को लेकर लोगों की दिलचस्पी को भविष्य के लिए सुनहरा संकेत भी बताया।
छोटा कद, इकहरा शरीर और बदन पर हरे कपड़े। यहां तक की कंघी और पेन भी हरे। यह हुलिया है हरियाली से प्यार करने वाले ग्विरीन मैन जय पाल बघेल का। पेड़-पौधों की सुरक्षा और उनसे असीम लगाव के लिए एक बार पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने जब उन्हें सम्मानित किया, तो बोल पड़े कि आप खुद को भी हरे रंग में क्यों नहीं रंग लेते। उस दिन के बाद से हरा रंग ही बघेल की पहचान हो गई। अब तो सारा देश उन्हें ग्रीन मैन के नाम से जानता है। बुधवार को सुबह वह जैसे ही शहीदों की नगरी की धरती पर उतरे और साधारण तरीके से लोगों से मिले। सबसे पहले मार्निंग वाकर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. अनिल त्रेहन, उपाध्यक्ष प्रदीप मेहरोत्रा, पूर्व उपाध्यक्ष छावनी परिषद गजेंद्र गंगवार, राजीव अरोड़ा, गौरव अग्निहोत्री, अमित श्रीवास्तव, मोहम्मद शादान, डॉ विकास पांडे, संतोष महेंद्रु, आलोक मिश्रा, डॉ योगेंद्र सक्सेना, अनिल त्रेहन, धीरज शर्मा, सर्वेश यादव, अमरीश शुक्ला, हर्षित तिवारी, ललित यादव, विनय तुली, मोहित मल्होत्रा, प्रदीप मल्होत्रा उपाध्यक्ष, शोभित गुप्ता, अमित यादव आदि उपस्थित रहे। इस दौरान हरित ऋृषि विजय पाल बघेल ने अपनी हरित यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पेड़ लगाना चाहिए।
हरिवन में जाकर लगाए वृक्ष
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ग्रीन मैन विजयपाल बघेल हरिवन में पहुंचे और वहां हरीशंकरी के पौधे का रोपण किया। उन्होंने कहा कि हरीशंकरी में ब्रह्म विष्णु महेश का वास है। त्रिदेव के रूप में इस पौधे को लगाया जाता है। इस पौधे के लगाने से जहां रोपित किया जा रहा है वहां का वातावरण ही बदल जाता है। आक्सीजन अधिक देने के कारण यह हरीशंकरी (पीपल, बरगद और पाखड़) के पौधे जीवन देने वाले कहे जाते हैं। इन पौधों का अधिक से अधिक रोपण किया जाना चाहिए। इन पौधों का बीज छोटा होता है। पक्षियों के बीज खाने और फिर बीट करने से ही इस पौधे को उगाया जाता है। प्रकृति से जुड़े इन पौधों को ज्यादा से ज्यादा रोपा जाना चाहिए।
कृभको व यंग भारत के समारोह में करेंगे प्रतिभाग
एसएस लॉ कॉलेज में गैंगवार न्यूज़ तथा कम को फर्टिलाइजर लिमिटेड की ओर से आयोजित पर्यावरण प्रहरी सम्मान में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। उनके हाथों जनपद मैं पर्यावरण क्षेत्र मैं उत्कृष्ट कार्य करने वाले 36 लोगों को सम्मानित किया जाएगा।
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