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Photograph: (शाहजहांपुर netwrk)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। मुख्यमंत्री उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग की खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के अंतर्गत विकास खंड कांट के सभागार में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ ब्लॉक प्रमुख श्रीदत्त शुक्ला ने किया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देना और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के माध्यम से बेरोजगार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। ब्लॉक प्रमुख ने कहा कि सरकार की ओर से उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने युवाओं को खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े छोटे उद्योगों की स्थापना के लिए प्रेरित किया और इसे भविष्य के लिए एक लाभकारी विकल्प बताया।
राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी असीम कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थी रस-बिस्कुट निर्माण, मसाला पैकिंग, दही/मक्खन, आचार, फल-सब्जी आधारित उत्पाद (जैम, जैली, पापड़), चिप्स, फ्लोर मिल, राइस मिल, ग्रेडिंग आदि जैसे उद्योगों की स्थापना कर सकते हैं। इसके लिए तैयार परियोजना प्रस्ताव संबंधित विभाग को सौंपे जाएंगे। उद्योग की स्थापना पर लाभार्थियों को अधिकतम ₹1,00,000 तक का 50% अनुदान प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान भूतपूर्व प्रभारी वीरेंद्र कुमार पाली ने अर्ध प्रसंस्करण तकनीकों और जैम, जैली, मुरब्बा, आचार आदि के निर्माण पर विस्तार से चर्चा की। बैंक लोन और अन्य वित्तीय सहायता की जानकारी भी दी गई। समापन समारोह में ग्राम प्रधान गुरथना ने प्रशिक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वरोजगार अपनाकर युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदारी करें। इस दौरान नीलांश पाठक, राजेंद्र सिंह, वीरेंद्र वर्मा, अखलेश कुमार श्रीवास्तव, राकेश चंद्र, प्रशिक्षार्थी राजपाल, आनंद कुमार, कोमल यादव, संजय कुमार, मनोज, शिवम, राहुल, रणधीर, हिमांशु, मो. उस्मान, नीलाक्ष पांडेय आदि।
राजकीय फल संरक्षण एवं प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी असीम कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि प्रशिक्षण उपरांत लाभार्थी रस-बिस्कुट निर्माण, मसाला पैकिंग, दही/मक्खन, आचार, फल-सब्जी आधारित उत्पाद (जैम, जैली, पापड़), चिप्स, फ्लोर मिल, राइस मिल, ग्रेडिंग आदि जैसे उद्योगों की स्थापना कर सकते हैं। इसके लिए तैयार परियोजना प्रस्ताव संबंधित विभाग को सौंपे जाएंगे। उद्योग की स्थापना पर लाभार्थियों को अधिकतम ₹1,00,000 तक का 50% अनुदान प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान भूतपूर्व प्रभारी वीरेंद्र कुमार पाली ने अर्ध प्रसंस्करण तकनीकों और जैम, जैली, मुरब्बा, आचार आदि के निर्माण पर विस्तार से चर्चा की। बैंक लोन और अन्य वित्तीय सहायता की जानकारी भी दी गई। समापन समारोह में ग्राम प्रधान गुरथना ने प्रशिक्षार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वरोजगार अपनाकर युवा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भागीदारी करें। इस दौरान नीलांश पाठक, राजेंद्र सिंह, वीरेंद्र वर्मा, अखलेश कुमार श्रीवास्तव, राकेश चंद्र, प्रशिक्षार्थी राजपाल, आनंद कुमार, कोमल यादव, संजय कुमार, मनोज, शिवम, राहुल, रणधीर, हिमांशु, मो. उस्मान, नीलाक्ष पांडेय आदि।
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