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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। जिले में गर्रा और खन्नौत नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। शनिवार सुबह लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर बाढ़ का पानी बहने लगा। बरेली मोड़ के आगे काफी इलाका जलमग्न हो गया है। हाईवे पर आवागमन अभी बंद नहीं हुआ है, लेकिन वाहनों को धीमी गति से गुजरना पड़ रहा है। निर्माणाधीन लखनऊ-पलिया हाईवे पर भी पानी पहुँच गया है, इस मार्ग पर वाहन फिलहाल नहीं चल रहे हैं। सड़क किनारे की दुकानों में पानी भर गया है और कई निचले इलाकों के लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है।
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मेडिकल कॉलेज और मुमुक्षु आश्रम में जलभराव
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राजकीय मेडिकल कॉलेज परिसर में नहर के ओवरफ्लो के कारण पानी तेजी से बढ़ रहा है। ओपीडी के करीब पानी पहुँच चुका है और संभावना है कि शाम तक भूतल व ओपीडी में जलभराव हो जाएगा। प्राचार्य ने डायलिसिस यूनिट के पास से करीब 100 मरीजों को दूसरी मंजिल पर शिफ्ट कर दिया और कई मरीजों की छुट्टी कर दी गई। बीते वर्ष की बाढ़ से सबक लेते हुए अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और अन्य कीमती मशीनों को दूसरी मंजिल पर रखा गया है। फिक्स मशीनों को बचाने के लिए गेट पर ईंट की दीवार भी बनवाई गई है। मुमुक्षु आश्रम में भी पानी भर गया है। प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर लोगों को शिफ्ट करने के लिए राहत टीमें भेजी हैं।
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बाढ़ से प्रभावित गांव और नदियों का हाल
उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बांधों-बैराजों से छोड़े गए पानी के कारण जिले की गंगा, रामगंगा और सहायक नदियों में उफान आ गया है। जलालाबाद से मिर्जापुर और अल्हागंज तक करीब चार दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। शहर के समीप गर्रा और खन्नौत नदियों में उफान बढ़ने से दोनों नदियां खतरे के निशान से 10 सेमी ऊपर बह रही हैं। बीते 24 घंटों में गर्रा का जलस्तर 85 सेमी बढ़कर 149.00 मीटरगेज और खन्नौत का 40 सेमी बढ़कर 145.85 मीटरगेज हो गया।
पीलीभीत के ड्यूनी डाम से गर्रा में पानी की निकासी 21,123 क्यूसेक घटकर 22,413 क्यूसेक रह गई है। कठिना से आने वाला पानी 5,500 क्यूसेक से बढ़कर 30,000 क्यूसेक हो गया। पीलीभीत की खखरा नदी का 34,000 क्यूसेक पानी भी गर्रा में मिल रहा है। रामगंगा नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
प्रशासन और राहत कार्य
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गर्रा और खन्नौत नदी खतरे के निशान से 15-20 सेमी ऊपर बह रही हैं। प्रशासन निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए सतर्क कर रहा है। अनुमान है कि शनिवार को जलस्तर में एक फुट और वृद्धि हो सकती है। प्रशासन की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। बाढ़ के पानी से प्रभावित लोग छत पर समय बिता रहे हैं, जबकि कई परिवार सुरक्षित स्थानों पर पहुँच गए हैं।
PET परीक्षा की चुनौती
शाहजहांपुर में PET परीक्षा भी आयोजित होनी है। बाढ़ की स्थिति में परीक्षा केंद्रों को सुरक्षित रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। अधिकारियों ने सुनिश्चित किया है कि परीक्षा प्रभावित न हो और सभी परीक्षा केंद्रों में निगरानी व सुरक्षा बनी रहे।
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