बमरौली गांव में विकास के दावों की खुली पोल, चार साल से खराब नल, टूटी सड़कें और जाम नालियां
शाहजहांपुर जिले के कांट ब्लॉक के बमरौली गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी से जूझ रहे हैं। नल चार साल से खराब पड़ा है, जल जीवन मिशन की पाइपलाइन के बाद सड़क टूटी पड़ी है, नालियां जाम हैं, पंचायतघर जर्जर है और सफाईकर्मी महीनों से लापता हैं।
केंद्र और राज्य सरकारें भले ही गांवों के विकास को लेकर बड़ी-बड़ी घोषणाएं करती हों, लेकिन ज़मीनी हकीकत अब भी बदहाली की तस्वीर पेश करती है। विकास खंड मदनापुर का बमरौली गांव इसका ताजा उदाहरण है। यहां विकास कार्य कागज़ों तक ही सीमित हैं, जबकि गांववासी वर्षों से समस्याओं के बीच जीने को मजबूर हैं।
गांववासी छविनाथ सिंह Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )
चार साल से नल खराब, शिकायतों का असर नहीं
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गांववासी छविनाथ सिंह बताते हैं गांव में लगे सरकारी नल को चार साल हो गए खराब हुए, कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रधान और रोजगार सेवक से बार-बार कहा, पर नतीजा शून्य।”
गांववासी धर्मवीर सिंह Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )
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जल जीवन मिशन में उखड़ी सड़क, बिना मरम्मत के छोड़ दी
गांव में जल जीवन मिशन के अंतर्गत पाइपलाइन बिछाई गई थी लेकिन उसके बाद सड़क को दुबारा नहीं बनाया गया। धर्मवीर सिंह कहते हैं सड़क आज भी वैसी ही टूटी पड़ी है जिससे लोगों को आवाजाही में दिक्कत होती है, खासकर बरसात में हालात और बिगड़ जाते हैं।”
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गांववासी पिंकू Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )
नालियां जाम, सफाईकर्मी नदारद
गांव में सफाई व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा चुकी है। पिंकू बताते हैं सफाईकर्मी कभी आता ही नहीं हम खुद ही झाड़ू लगाते हैं और नालियों की सफाई करते हैं। गंदगी की वजह से मच्छरों और बीमारियों का खतरा बना रहता है।
गांववासी रंजीत सिंह Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क )
पंचायतघर बदहाल, जन सेवा केंद्र पर निर्भरता
रंजीत सिंह बताते हैं पंचायतघर की हालत बहुत खराब है, वहां न तो सफाई है और न ही कोई ऑपरेटर आता है। हमें छोटे-छोटे कामों के लिए जन सेवा केंद्र पर निर्भर रहना पड़ता है।
प्रधानी कोई और चला रहा है: ग्रामीणों का आरोप
गांव की प्रधान एक महिला हैं, लेकिन गांववासी आरोप लगाते हैं कि प्रधानी कोई और चला रहा है। महिला प्रधान नाम मात्र की हैं वास्तविक संचालन परिवार या अन्य प्रभावशाली लोग कर रहे हैं। इससे गांव के विकास कार्यों में पारदर्शिता की कमी भी सामने आती है।