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समिति की सख्ती से डीएम तक सतर्क; बजट खर्च में सुस्ती पर नाराजगी, जेई पर गाज, सभी विभागों को तेज करना होगा काम

वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति की बैठक में माननीय सभापति ने विभागों को बजट समय पर खर्च करने और देयकों का त्वरित भुगतान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सुस्ती पर नाराजगी जताई गई। अधिकारियों में खलबली के साथ योजनाओं की गति तेज करने की तैयारी शुरू।

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Narendra Yadav
बजट खर्च की समीक्षा करते विधानसभा की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति सभापति व सदस्य

बजट खर्च की समीक्षा करते विधानसभा की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति सभापति व सदस्य Photograph: (सूचना विभाग)

शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाताः वर्ष 2027 में विधानसभा चुनाव को देख सरकार सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर  विशेष जोर दे रही है। इसकी बानगी दिखी उत्तर प्रदेश विधान परिषद की वित्तीय एवं प्रशासकीय विलंब समिति की समीक्षा बैठक में। विकास भवन सभागार में बैठक के दौरान सभापति डॉ. रतन पाल सिंह ने कहा कि जो अधिकारी समय से बजट नहीं खर्च करेंगे तो यह माना जाएगा वह सरकार की योजनाओं को फेल करना चाहते हैं। उन्हें सख्त लहजे में बजट को ससमय खर्च करने की हिदायत दी। उनकी चेतावनी ने पूरा प्रशासनिक महकमा सतर्क हो गया है। जिसका असर बैठक के बाद से ही दिखाई देने लगा है। सभी विभागीय अधिकारियों ने खर्च का ब्योरा मांगने के साथ शेष बजट को खर्च करने के दिशा निर्देश जारी कर दिए है। 

बैठक में सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य देयकों के भुगतान की स्थिति की समीक्षा की गई। सभापति ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सेवानिवृत्त और मृतक आश्रितों के भुगतान में किसी प्रकार की देरी स्वीकार्य नहीं होगी। मृतक आश्रितों को शीघ्र रोजगार उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में समिति सदस्य एमएलसी डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, विजय बहादुर पाठक, डॉ. सुधीर गुप्ता,  डीएम  धर्मेंद्र प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी  भी मौजूद रहे।

बजट खर्च में ढिलाई पर कड़ी नाराजगी

 सभापति डा रतन पाल सिंह ने विभागों की ओर से प्राप्त बजट के समय से उपयोग न होने पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश स्पष्ट हैं कि जो बजट मिला है, उसका समय पर उपयोग हो। यदि बजट खर्च नहीं होता तो यह माना जाएगा कि विभाग योजनाओं को सफल बनाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसी स्थिति में अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

बैठक के दौरान बिजली विभाग के जेई पर भी कड़ी कार्रवाई


समीक्षा के दौरान विद्युत विभाग के जेई अंकित कुमार तिवारी को फोन पर तलब किया गया, लेकिन कॉल रिसीव न करने पर सभापति ने नाराजगी जताई। अधीक्षण अभियंता को निर्देश दिया गया कि संबंधित जेई का स्पष्टीकरण लिया जाए और एक माह तक सभी जेई की कॉल रिस्पॉन्स रिपोर्ट समिति को उपलब्ध कराई जाए।

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डीएम ने ससमय कार्यवा का दिलाया भरोसा, विभागों में बढ़ी हलचल

समिति की यह सख्ती विभागों के बीच गंभीरता का माहौल बना गई है। बजट खर्च संबंधी प्रस्ताव और कार्य योजनाओं को तेजी से तैयार करने की प्रक्रिया सभी विभागों में शुरू हो गई है। अधिकारियों को स्पष्ट संकेत है कि योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अंत में डीएम ने समिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दिए गए निर्देशों का अक्षरशः पालन कराया जाएगा और जनपद को विकास की दिशा में और आगे बढ़ाया जाएगा। सीएम डैशबोर्ड पर उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए समिति ने जिलाधिकारी को बधाई भी दी। बैठक में नगर आयुक्त डा. विपिन कुमार मिश्र, परियोजना निदेशक अवधेश राम, जिला विकास अधिकारी ऋषिपाल सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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