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शाहजहांपुर में स्कूल प्रबंधन की बडी लापरवाही से, चलते वाहन से कक्षा 3 की छात्रा गिरी, 5 दांत टूटे, पिता ने की कार्रवाई की मांग

शाहजहांपुर में मारवाह मॉडर्न स्कूल की बस से कक्षा 3 की छात्रा चलते वाहन में खिड़की खुलने से सड़क पर गिर गई। उसके पाँच दांत टूट गए और हाथ-पैर में फ्रैक्चर आया। पिता ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। प्रशासन ने जांच की बात कही है।

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Narendra Yadav
शाहजहांपुर में स्कूल वाहन की खिलडी खुलने से सडक पर गिरी घायल छात्रा

शाहजहांपुर के अस्पताल में भर्ती स्कूल वाहन की खिडकी खुलने से सडक पर गिरने से घायल हुई छात्रा Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क क)

शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाताः निजी विद्यालय प्रबंधन की बडी लापरवाही सामने आयी है, जिससे एक बच्ची की जिंदगी संकट में पड गई। यह घटना है खुटार थाना क्षेत्र के महमदपुर सहजनिया निवासी जोधवीर सिंह की बेटी मनप्रीत कौर से संबंधित। आठ साल की बेटी तथा बेटा तरनजीत कौर मारवाह मॉर्डन स्कूल, पुवायां में पढ़ते हैं। सोमवार दोपहर छुट्टी के बाद दोनों बच्चे स्कूल वाहन में घर लौट रहे थे। जैसे ही वाहन जेवा गांव के पास पहुंचा, खराब खिड़की चलते वाहन में अचानक खुल गई और मनप्रीत सड़क पर जा गिरी। 

पांच दांत टूटे, चेहरे व शरीर पर गहरी चोटें

सड़क पर गिरते ही बच्ची के पांच दांत टूट गए। उसका मुंह रक्त रंचित व चेहरे पर घाव हो गए। एक हाथ और पैर में फ्रैक्चर की पुष्टि भी डाक्टरों ने की है। बच्ची को स्थानीय सत्यानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसका इलाज जारी है।

पिता का आरोप: 15 दिन से खराब थी खिड़की

पिता जोधवीर ने बताया कि खिड़की का लाक पिछले 15 दिनों से खराब था। बच्चों ने कई बार ड्राइवर और स्कूल प्रबंधन को बताया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। जोधवीर बोले, मेरी बेटी के दांत कौन वापस करेगा? यह लापरवाही नहीं, अपराध है।

स्कूल वाहन व्यवस्था पर बड़े सवाल

इस घटना ने स्कूल वाहनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कई स्कूलों में डग्गेमार वाहन बिना फिटनेस, बिना सुरक्षा मानकों और बिना अटेंडेंट के चल रहे हैं। बच्चों को भूसे की तरह भरकर ले जाया जाता है। माता-पिता भरोसा देकर बच्चों को स्कूल भेजते हैं, लेकिन यह भरोसा व्यवस्था के कारण टूट रहा है।

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एआरटीओ और प्रशासन क्या करेगा?

एडीएम एफआर अरविंद कुमार ने कहा कि शिकायत मिलते ही वाहनों की जांच कराई जाएगी। हालांकि अभिभावकों का सवाल है कि यह जांच हादसे के बाद क्यों? पहले क्यों नहीं?

बड़ा सवाल, जिम्मेदार कौन 

बच्चों की सुरक्षा कौन सुनिश्चित करेगा? निजी स्कूल प्रबंधन, एआरटीओ, या माता-पिता खुद? यह हादसा चेतावनी है। जरूरी है कि हर स्कूल वाहन की फिटनेस, सीट व्यवस्था, खिड़की लॉक, अटेंडेंट और ओवरलोड की सख्त निगरानी की जाए। नहीं तो पैसे का लोभ और लापरवाही, मासूम जीवनों को यूँ ही सड़क पर गिराती रहेगी।

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