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एसएस विविध महाविद्यालय में आयोजित रामाश्रम सत्संग में साधना में लीन आचार्य गण Photograph: (वाईबीएन)
शाहजहांपुर, वाईबीएन संवाददाता : स्वामी शुकदेवानंद महाविद्यालय मुमुक्षु आश्रम में शनिवार को त्रिदिवसीय आंतरिक सत्संग समारोह का शुभारंभ हो गया। रामाश्रम सत्संग के संस्थापक समर्थ गुरू परम संत डा चतुर्भुज सहाय जी के अवतरण पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में विविध प्रांतों से आए साधकों ने साधना की। इस दौरान आचार्य बृजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि हमारे गुरू महाराज शंहशाहों के शंहशाह हैं। बोले गुरू की शरणागत होने में सत्य का बोध होने के साथ ही जीवन सार्थक हो जाता।
सत्संग गुरू का है, प्रबंध वहीं करेंगे, प्रसंग में बोल आचार्य
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उन्होंने एक प्रसंग साझा करते हुए कहा कि एक बार भंडारे में भारी वर्षा से लोग चिंतित थे, तब गुरू महाराज ने कहा, “सत्संग गुरू का है, वही प्रबंध करेगा, और वर्षा रुकने के बाद भंडारा भी समय पर सम्पन्न हुआ। आचार्य जी ने कहा कि हमें प्रत्येक कठिनाई में गुरू की शरण में रहना चाहिए, जैसे श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था “तुम मेरे मन के मापिक होकर युद्ध करो।
92 वर्षीय पीलीभीत के रामप्रकाश अवस्थी भी पहुंचे सत्संग में
पीलीभीत से पधारे आचार्य राम प्रकाश अवस्थी, लखनऊ से आए 92 वर्षीय आचार्य राजदेव सिंह ने कहा कि गुरू महाराज का उपदेश था पूजा के साथ-साथ मिलते-जुलते रहो। उन्होंने बताया कि गुरू महाराज का अवतरण 3 नवम्बर 1883 को धर्म के क्षीण होते स्वरूप में हुआ था। इस दौरान कनाडा यात्रा के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताया गया कि पूज्य कृष्णकांत जी जब वहां एक वयोवृद्ध से मिले, तो उन्होंने गुरू महाराज और पंडित जी महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए आत्मीयता से उन्हें गले लगा लिया।
तीर्थ बना मुमुक्षु आश्रम,संत प्रभुदयाल शर्मा व कृष्णकांत शर्मा भी पहुंचे
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रामाश्रम के सत्संग समारोह से मुमुक्षु आश्रम तीर्थ बन गया है। महाविद्यालय के खेल मैदान में सत्संग, संस्कृत महाविद्यालय सभागार में आवास तथा दायीं ओर भोजनालय का प्रबंध किया है। शनिवार शाम टुंडला से ग्रहस्थ संत कृष्णकांत शर्मा भी यहां पहुंच गए। रविवार सुबह वह सत्संग में प्रवचन करेंगे। कार्यक्रम में जय अग्रवाल, पंकज टंडन, अजय अग्रवाल, ओमप्रकाश अवस्थी, मोहनलाल बंसल आदि का सहयोग रहा।
55 वर्षों से हो रहा सत्संग
शाहजहापुर में सत्संग का आयोजन समर्थ गुरु के ज्येष्ठ पुत्र नवनीत हृदय संत डा. बृजेंद्र कुमार की ओर से 55 वर्षों से आयोजित किया जा रहा है।
प्रसादार्पण के साथ उद्घाटन सत्र सम्पन्न हुआ। अगली सभा आज सांयकाल सात बजे से आयोजित की जाएगी।
सदगुरू मिल जाने पर दूर हो जाते कष्ट
शाहजहांपुर : सदगुरु मिलने पर जीवन के कष्ट मिट जाते हैं। यह कहना है रामाश्रम में आए साधकों का। नवग्रह टाइम्स से बातचीत में साधकों ने जीवन के अनुभव साझा किए। साधकों की जुबानी से सुनिये कहानी
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मेरे पिता जी रामाश्रम से जुडे थे। उन्होंने त्याग की सीख दी। त्याग में ही सुख व शांति है।
अजय अग्रवाल
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मैं सौभाग्शाली हूं जो गुरु का सानिध्य मिला। रामाश्रम का बेसब्री से इंतजार रहता है।
पंकज टंडन
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साधकों के लिए रामाश्रम सत्संग कुंभ की तरह है, जिसमें आनंद के गोते लगाकर साधक धन्य हो जाते।
ईशान अरोरा
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मुमुक्षु आश्रम की माटी पावन है। यहां रामाश्रम सत्संग के आयोजन से अदभुत छटा निखर उठी है।
डा पदम्जा, प्रोफेसर एसएस कालेज
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