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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। रामगंगा, बहगुल और गर्रा नदियों में पानी उतरने के बावजूद जिले के जलालाबाद और तिलहर क्षेत्र के 60 से अधिक गांवों में बाढ़ से परेशानी कम नहीं हुई है। खेतों में पानी भरे रहने से तिल, बाजरा, मूंगफली जैसी फसलें चौपट हो गई हैं। वहीं संपर्क मार्ग जलमग्न होने से लोगों का आवागमन कठिन बना हुआ है।
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पीने का पानी-बिजली सबसे बड़ी समस्या
प्रभावित गांवों में पीने के साफ पानी और बिजली की भारी किल्लत है। प्रशासन ने आठ नावें और एक मोटरबोट लगाई हैं, लेकिन वे जरूरत से कम साबित हो रही हैं। लोग मजबूरी में जलमग्न रास्तों से पैदल या साइकिल-बाइक से गुजर रहे हैं।
बाढ़ के साथ फैली बीमारियां
पानी उतरने के साथ ही गांवों में खांसी, जुकाम, बुखार, डायरिया और चर्म रोग जैसी बीमारियां फैल रही हैं। बलदेवपुर, घनश्यामपुर, आजमाबाद और रटा गांवों के ग्रामीणों ने दवाओं की कमी की शिकायत की। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि टीमों द्वारा कैंप लगाकर जांच व दवाएं दी जा रही हैं।
सामाजिक संगठनों ने बांटी राहत सामग्री
परशुराम सर्वकल्याण समिति के कार्यकर्ताओं ने बाढ़ प्रभावित गांवों में खाने के पैकेट, बिस्कुट और पानी की बोतलें वितरित कीं। ग्रामीणों ने संगठनों की मदद पर राहत की सांस ली। खुदागंज क्षेत्र में अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने ग्राम प्रधानों के साथ दौरा किया। ग्रामीणों ने फसल सर्वे और दवाओं की उपलब्धता न होने की शिकायत की। अधिकारियों से जल्द राहत दिलाने का आश्वासन दिया गया।
मिर्जापुर में फिर बढ़ा गंगा का जलस्तर
मिर्जापुर में गंगा का पानी बढ़ने से भरतपुर, पैलानी उत्तरी, कटैलानगला, मोतीनगला और अन्य गांवों में फिर से पानी घुसने लगा है। कई परिवार गृहस्थी का सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हैं। शमशाबाद स्टेट हाईवे पर रपटा पुलिया से गुजरना बंद कर दिया गया है।
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