अनूठी परंपरा : खुदागंज में गधे पर निकले लाट साहब, उमड़ा जन सैलाब
शाहजहांपुर के खुदागंज कस्बे में रंगपंचमी पर गधे पर ‘लाट साहब’ को बैठाकर जुलूस निकाला गया। रंग-गुलाल से सराबोर लोगों ने नृत्य के साथ लोकगीत गाए । इस दौरान सुरक्षा के कड़ें प्रबंध रहे। इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए कई जिलों के लोग शामिल रहे।
रंगपंचमी के अवसर पर खुदागंज में वर्षों पुरानी अनूठी परंपरा का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन के तहत 'लाट साहब' को गधे पर बैठाकर नगरभर में जुलूस निकाला गया। रंग और गुलाल से सराबोर इस जुलूस ने स्थानीय लोगों और बाहर से आए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। पूरे आयोजन के दौरान उल्लास, हास्य और मस्ती का माहौल बना रहा, वहीं सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आया।
सुरक्षा के बीच निकला पारंपरिक जुलूस हर वर्ष आयोजित होने वाले इस अनोखे जुलूस को देखने के लिए नगरवासियों के साथ-साथ आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। जुलूस के दौरान लाट साहब की सवारी के साथ लोगों ने पारंपरिक गीत-संगीत और नृत्य का भी आनंद लिया। रंग और गुलाल उड़ाते हुए श्रद्धालु जुलूस के साथ पूरे नगर में घूमे। किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो, इसके लिए पुलिस प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए थे। पुलिस बल के साथ स्वयंसेवकों को भी विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया था।
खुदागंज थाने में लाट साहब Photograph: (ybn network )
होली के मौके पर प्रशासन ने किए विशेष सुरक्षा प्रबंध
Advertisment
सदियों पुरानी परंपरा, बढ़ती लोकप्रियता स्थानीय बुजुर्गों के अनुसार यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और हर साल इसमें अधिक लोग सम्मिलित होते जा रहे हैं। माना जाता है कि इस आयोजन की शुरुआत सामाजिक चेतना और हास्य-व्यंग्य के माध्यम से मनोरंजन करने के लिए की गई थी। वर्तमान में यह जुलूस क्षेत्र की पहचान बन चुका है। लोगों का कहना है कि यह न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि समाज को एकजुट करने की भी मिसाल पेश करता है।
खुदागंज में हो हुरियारों संग लाट साहब Photograph: (ybn network )
उल्लासमय वातावरण में संपन्न हुआ आयोजन
होली के अवसर पर भारत में निभाई जाने वाली दिलचस्प परंपराएं उल्लासमय माहौल में संपन्न हुआ आयोजन जुलूस के समापन के बाद नगरवासियों ने एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाकर पर्व की बधाई दी और सौहार्दपूर्ण वातावरण का परिचय दिया। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में विशेष योगदान दिया। इस अनूठी परंपरा को लेकर नगर में खासा उत्साह देखने को मिला, और आयोजकों ने इसे भविष्य में और भव्य रूप देने का संकल्प लिया।