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Photograph: (वाईबीएन नेटवर्क)
शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर में बुधवार को गन्ना सहकारिता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने किया। इस मौके पर प्रदेश की सहकारी गन्ना समितियों के अध्यक्ष, चीनी मिल समितियों के उपाध्यक्ष व विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर-1
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मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि प्रदेश गन्ना व चीनी उत्पादन के साथ-साथ एथनॉल और शीरा उत्पादन में भी देश में पहले स्थान पर है। उन्होंने किसानों व समितियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के 46.50 लाख गन्ना किसान परिवार और 10 लाख लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार पाकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दे रहे हैं।
आठ वर्षों में रिकॉर्ड भुगतान..निवेश और जीडीपी में योगदान
मंत्री ने कहां कि पिछले आठ वर्षों में गन्ना किसानों को 2,89,445 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जो पिछले 22 वर्षों के 2,13,520 करोड़ रुपये से 75,925 करोड़ रुपये अधिक है। वर्ष 2017 से पहले केवल 42 करोड़ लीटर एथनॉल का उत्पादन होता था, जो आज बढ़कर 180 करोड़ लीटर हो गया है। चीनी उद्योग में बीते आठ वर्षों में 6,924 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। गन्ने का योगदान प्रदेश की जीडीपी में 4.19 प्रतिशत और गन्ना-चीनी का संयुक्त योगदान 8.45 प्रतिशत है।
समितियों से शिक्षा व स्वास्थ्य में सहयोग की अपील
गन्ना राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार गन्ना समितियां अपने भवनों का जीर्णोद्धार करेंगी। समितियों के सहयोग से विद्यालय, महाविद्यालय और चिकित्सालयों का सुदृढ़ीकरण व उच्चीकरण होगा।
महिला सशक्तीकरण में नई पहल
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गन्ना विभाग ने 3000 महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर गन्ना सीडलिंग उत्पादन को बढ़ावा दिया है। इनमें 58 हजार महिलाएं प्रतिवर्ष 8–10 करोड़ सीडलिंग तैयार कर आय अर्जित कर रही हैं। बरेली, बिजनौर और मुजफ्फरनगर की कई समूह प्रतिवर्ष 10–15 लाख रुपये तक का कारोबार कर रही हैं।
खेती में आधुनिक तकनीक का प्रयोग
गन्ना आयुक्त ने कहां कि समितियां लाभांश वितरण सुनिश्चित करें और उन्नत बीज संवर्धन, मृदा परीक्षण, प्राकृतिक व जैविक खेती और ड्रिप इरीगेशन को बढ़ावा दें। गन्ना फसल पर छिड़काव के लिए 350 ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
डिजिटलाइजेशन से मिली सुविधा
सभी गन्ना समितियों में आईटी सेल बनाए गए हैं। कम्प्यूटराइजेशन से 20-20 वर्षों से लंबित संतुलन पत्र अद्यतन किए गए हैं। किसानों को रियल टाइम में गन्ना पर्चियां मिल रही हैं और बजट प्रक्रिया ऑनलाइन हो चुकी है।
सम्मेलन में कई गणमान्य रहे मौजूद
सम्मेलन में सांसद अरुण सागर, इफ्को उपाध्यक्ष बलवीर सिंह, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष डी.पी.एस. राठौर, शोध परिषद निदेशक वी.के. शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त डॉ. वी.बी. सिंह, प्रबंध निदेशक सत्येंद्र सिंह सहित विभागीय अधिकारी व वैज्ञानिक मौजूद रहे।
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