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Valentine's Day: प्रेम के दिवस को भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात के रूप में देख रहे युवा

14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। विभिन्न प्रेमी प्रेमिकाओं के जोड़े अलग अलग तरह से इन्हें मनाते हैं। छात्र छात्राएं इससे अछूते नहीं हैं। वाइबीएन संवाददाता ने शहर के कई युवाओं से उनकी वेलेंटाइन डे पर राय जानी जिसमें उनकी मिली जुली राय रही

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Narendra Yadav
वैलेंटाइन डे

वैलेंटाइन डे पर युवती Photograph: (Internet )

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शाहजहांपुर वाईबीएन संवाददाता: 

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.पिछले दो दशकों में भारतीय बाजार पर वेलेंटाइन डे जैसे आयोजन ने कब्जा कर रखा है। युवा सबसे ज्यादा इसकी चपेट में हैं। पूरे एक सप्ताह में क्रमवार सात फरवरी से रोज़ डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टैडी डे, प्रॉमिस डे, किस डे, हग डे और अंत में 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाया जाता है। विभिन्न प्रेमी प्रेमिकाओं के जोड़े अलग अलग तरह से इन्हें मनाते हैं। लेकिन स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र छात्राएं इससे अछूते नहीं हैं। वाइबीएन संवाददाता ने शहर के कई युवाओं से उनकी वेलेंटाइन डे पर राय जानी जिसमें उन्होंने बताया कि यह हमारा त्यौहार नहीं है, भारतीय संस्कृति प्रेम की संस्कृति है। हमने पूरी दुनिया को प्रेम का संदेश दिया है ऐसे में प्रेम का कोई एक दिन नहीं हो सकता। जबकि कुछ का कहना है कि हमारी सभ्यता ही दूसरों का सम्मान करना रहा है तो इससे हमें आपत्ति नहीं होनी चाहिए 

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पढ़िए क्या है युवाओं की राय 

प्रेम का कोई एक दिन नहीं होता

समर यादव का कहना है- भारतीय संस्कृति में प्रेम की परिभाषा बहुत ही अच्छे तरीके से बताई गई है और उसके कई उदाहरण भी है लेकिन आज के समय में वैलेंटाइन डे के रूप में जो युवा पीढ़ी को समझाया जा रहा है वह कहीं ना कहीं भारतीय संस्कृति से अलग है प्रेम कोई एक दिन का नहीं होता वह जीवन भर का साथ होता है।

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वैलेंटाइन डे
समर यादव छात्र Photograph: (Self)

 

संस्कार और आधुनिकता में संतुलन बनाया जाना जरूरी

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अंजनेय मिश्रा का मानना है कि वेलेंटाइन डे को कुछ लोग भारतीय संस्कृति पर पश्चिमी प्रभाव मानते हैं जबकि अन्य इसे प्रेम और खुशी का उत्सव समझते हैं। भारतीय परंपरा में भी प्रेम को महत्वपूर्ण स्थान मिला है, जैसे राधा-कृष्ण का प्रेम। यदि इसे मर्यादा और सम्मान के साथ मनाया जाए, तो यह किसी भी संस्कृति के लिए हानिकारक नहीं बल्कि आनंददायक हो सकता है। संस्कार और आधुनिकता में संतुलन बनाकर हम इसे एक सुंदर अनुभव बना सकते हैं।

वैलेंटाइन डे
अंजनेय मिश्रा Photograph: (Self)

 

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भारतीय संस्कृति ने हमेशा प्रेम को बढ़ावा दिया है 

समाजसेवी काजल यादव का कहना है कि वेलेंटाइन डे सेंट वेलेंटाइन की याद में मनाया जाता है।  मुख्यतः यह रोमन जाति  के लोग मनाते हैं।  माना जाता है कि सेंट वेलेंटाइन जब भी उपदेश दिया करते थे तो प्यार का संदेश दिया करते थे । किन्तु यदि हम बात करें भारतीय संस्कृति की तो भारतीय संस्कृति ने हमेशा प्रेम को बढ़ावा दिया है न कि नफरत को।  जैसे भारतीय संस्कृति के प्रेम की यदि हम बात करते है तो श्री कृष्ण का नाम सबसे ऊपर आता है । ठीक उसी प्रकार सेंट वेलेंटाइन रोमन संस्कृति से आते है ।भारत विभिन्नता में एकता का देश है तो हर जाति धर्म के लोग यहां रहते है और आपसी प्रेम को बढ़ाने वाले देश में कोई भी त्यौहार संस्कृति का हनन नहीं करता ।बस तरीका क्या है वह महत्व रखता है।

 

वैलेंटाइन डे
समाजसेवी काजल यादव Photograph: (Self)

 

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समाज की अपेक्षा देश अधिक महत्त्वपूर्ण है

छात्र ज़ाहिद आलम का कहना है कि भारत में 7 फरवरी से 14 फरवरी तक रोज डे, प्रपोज डे, चॉकलेट डे, टेडी डे, प्रॉमिस डे, किस डे, हग डे एंड वैलेंटाइन डे ऐसे कुल मिलाकर आठ दिवस मनाए जाते हैं। इतने दिन तो विदेश में भी नहीं मनाए जाते। इसी से ध्यान में आता है कि भारत की सामाजिक स्थिति कितनी गिर गई है! संस्कृति के अनुसार व्यक्ति की अपेक्षा परिवार, परिवार की अपेक्षा समाज एवं समाज की अपेक्षा देश अधिक महत्त्वपूर्ण है, यही दृष्टिकोण रखकर भगत सिंह, राजगुरू एवं सुखदेव समान अनेक वीरों ने अपना यौवन अर्पण किया, जिसके कारण हमें स्वतंत्रता मिली । यदि वैलेंटाइन को प्रेम का संदेश मानकर वे विवाह कर बैठ जाते, तो क्या हमें स्वतंत्रता की प्राप्ति होती?

वेलेंटाइन डे
जाहिद आलम Photograph: (Self)

आज लोगों ने प्रेम को मनोरंजन ज़रूर बना दिया

शिक्षिकाअमिता राज का कहना है कि इसे भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात तो नहीं कहा जा सकता।  हां पर आज लोगों ने इसे मनोरंजन ज़रूर बना दिया है। चूंकि प्रेम विशेष दिवसीय नहीं हो सकता वह सर्वथा एक सा रहता है।  

वेलेंटाइन डे
अमिता राज Photograph: (Self)

देश की समृद्ध संस्कृति को गंदा करने वाली रीत 

छात्र अरबाज़ हुसैन ने कहा कि वैलेंटाइन डे भारत में पश्चिमीकरण का अभिशाप और व्यापार है जो आधुनिक पोशाक में आध्यात्म को खत्म करता है। युवाओं की छल रूपी प्रेम के मोह से मानसिक व शारीरिक स्थिति नष्ट कर रहा है, देश की समृद्ध संस्कृति को गंदा करने वाली इन पश्चिमी रीत को रोकना आवश्यक है। यह एक ऐसा श्राप लग चुका है जो हमारी युवा शक्ति के भविष्य को बर्बाद करके rakh

वैलेंटाइन डे
अरबाज़ हुसैन छात्र Photograph: (Self)

 

 

 

भारतीय संस्कृति के लिए घातक और अप्रासंगिक 

शोधार्थी पररतम यादव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रेम का क्षेत्र सूक्ष्म और बृहद स्तर पर लिया जाता है, अर्थात् सृष्टि की समस्त जीवित और मृत वस्तुओं से भावना जुड़ी होना प्रेम है। अंग्रेजी वेलेंटाइन पर्व केवल दो जोड़ों का प्रेम है जो कि प्रकृति से कोई जुड़ाव नहीं रखता है, जो भारतीय संस्कृति के लिए घातक और अप्रासंगिक है । वेलेंटाइन पर्व भारतीय संस्कृति पर मनोरंजन के साथ साथ कुठाराघात भी प्रतीत होता है।

 

वैलेंटाइन डे
शोधार्थी प्रीतम यादव Photograph: (Self)

 

वेलेंटाइन डे के नाम पर युवा पीढ़ी को कुसंस्कार मिल रहे है 

छात्र अनुदित मिश्र कहते हैं कि यूरोप के पश्चिमी देशों में जब अवैध संतानों की संख्या इतनी अधिक बढ़ गई कि वहां की सरकारों को अनाथालयों में अवैध बच्चों की व्यवस्था बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया।  इसी तरह निराश्रित अविवाहित मांओ की बढ़ती संख्या भी एक चिंताजनक विषय हो गया ठीक उसी समय वहां एक वेलेंटाइन नाम के संत का जन्म हुआ जो घूम घूम कर युवाओं को विवाह बंधन में बंधने की, वा जीवन भर जीवनसाथी का वफादारी के साथ सुख दुख मै साथ निभाने की प्रेरणा देते थे इसलिए वहां संत वेलेंटाइन लोकप्रिय वा पूजनीय हो गए और विवाह संस्था मजबूत हुई एवं स्वस्थ समाज का निर्माण हुआ इसलिए वहां के लोग वेलेंटाइन डे मनाने लगे। जबकि भारत मै विवाह संस्था का अस्तित्व हजारों वर्ष पुराना है यहां वेलेंटाइन डे की कोई आवश्यकता ही नहीं है।

वैलेंटाइन डे
अनुदित मिश्रा Photograph: (Self)

 

 

भविष्य में दुष्परिणाम भी भारतीयों को भुगतने पड़ेंगे

शोभना कश्यप  का मानना कि वैसे तो भारतीय संस्कृति ने विश्व की सभी संस्कृतियों को अपनाया है,लेकिन वेलेंटाइन डे के नाम पर नग्नता शामिल होना भारतीय संस्कृति के लिए एक गम्भीर समस्या है और आगे आने वाले समय में इसके दुष्परिणाम भी भारतीयों को भुगतने भी पड़ेंगे।

 

 

 

 

 

वैलेंटाइन डे
शोभना कश्यप Photograph: (Self)

सीमा में रहें युवा 

बाल कल्याण समिति के मजिस्ट्रेट मुनीश परिहार का कहना है कि वेलेंटाइन डे एक पश्चिमी त्योहार है जो प्रेम और स्नेह के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति में भी प्रेम और स्नेह के कई त्योहार मनाए जाते हैं, जैसे कि करवा चौथ और तीज। इसलिए, वेलेंटाइन डे को एक मनोरंजन विषय के रूप में देखा जा सकता है, न कि भारतीय संस्कृति पर कुठाराघात के रूप में। बस युवाओं को सीमा में रहने की में रहने की जरूरत है।  

वैलेंटाइन डे
मुनीश परिहार मजिस्ट्रेट बाल कल्याण समिति Photograph: (Self)

 

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