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Miami Open: Nick Kyrgios ने 896 दिनों में दर्ज की अपनी पहली जीत

निक किर्गियोस ने मियामी ओपन में अमेरिकी क्वालीफायर मैकेंजी मैकडोनाल्ड को हराकर 2022 के बाद अपना पहला एटीपी टूर मैच जीता। 29 वर्षीय किर्गियोस पिछले 18 महीनों से पैर और कलाई की चोटों से परेशान थे। 

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Mukesh Pandit
Miami Open Nick Kyrgios

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मियामी, आईएएनएस। 

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निक किर्गियोस ने मियामी ओपन में अमेरिकी क्वालीफायर मैकेंजी मैकडोनाल्ड को हराकर 2022 के बाद अपना पहला एटीपी टूर मैच जीता। 29 वर्षीय किर्गियोस पिछले 18 महीनों से पैर और कलाई की चोटों से परेशान थे और इस साल की शुरुआत में उन्होंने दोबारा खेलना शुरू किया। कलाई की लगातार तकलीफ के कारण किर्गियोस पिछले दो साल से टेनिस से दूर थे। कुछ हफ्ते पहले इंडियन वेल्स में उन्हें पहले ही दौर में मैच छोड़ना पड़ा था, लेकिन मियामी ओपन में उन्होंने मैकडोनाल्ड को 3-6, 6-3, 6-4 से हराकर शानदार वापसी की।

 यह जीत 896 दिनों के बाद आई

अक्टूबर 2022 में जापान ओपन में दूसरे दौर के मुकाबले के बाद से ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी को जीत नहीं मिली थी और यह अब यह जीत 896 दिनों के बाद आई। कलाई की चोट के चलते किर्गियोस का करियर खतरे में पड़ गया था, लेकिन अब इस जीत को वह अपनी वापसी का सबसे बड़ा पल मानते हैं। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए लंबा सफर रहा है। कई बार तो मैच खेलना भी डराने वाला था कि मैं इसे पूरा कर पाऊंगा या नहीं। लेकिन अब एक जीत हासिल करके यह महसूस करना कि मैं फिर से इस खेल का हिस्सा हूं, बहुत खास अहसास है।"

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अगला मुकाबला 22वीं वरीयता प्राप्त करेन खाचानोव से 

अब उनका अगला मुकाबला 22वीं वरीयता प्राप्त करेन खाचानोव से होगा, जिनसे वह 2022 यूएस ओपन के क्वार्टरफाइनल में हार चुके हैं। इस बार किर्गियोस उस हार का बदला लेना चाहेंगे।

किर्गियोस, जो अब तक अपने सातों खिताब हार्ड कोर्ट पर जीत चुके हैं, मियामी ओपन में पांच बार चौथे दौर तक पहुंचे हैं। यह टूर्नामेंट उनके लिए सबसे सफल मास्टर्स 1000 प्रतियोगिता रही है।

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उन्होंने कहा, "मियामी में खेलते हुए मुझे हमेशा अच्छा महसूस होता है। मैं अपने प्रदर्शन पर गर्व महसूस कर रहा हूं। इस स्तर पर आपको कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी होती है। यह सोच पाना भी मुश्किल है कि सर्जरी के बाद मैं यहां खड़ा हूं और फिर से जीत रहा हूं।"

फिलहाल 892वें रैंकिंग पर मौजूद किर्गियोस ने आगे कहा, "मेरे लिए यह सफर बेहद कठिन था। फिर से टेनिस खेल पाना किसी चमत्कार से कम नहीं था। मैं मुश्किल हालात में मजबूत बने रहना चाहता था, लेकिन यह सफर आसान नहीं था।"

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