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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क: उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में आई आपदा के बाद राहत और बचाव का काम लगातार जारी है। प्रभावित इलाकों में सड़कों के क्षतिग्रस्त होने और भूस्खलन के खतरे के चलते, ज़रूरी मदद पहुंचाने के लिए हवाई मार्ग ही फिलहाल एकमात्र विकल्प बना हुआ है। इसी कारण राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर हेलीकॉप्टरों के जरिए राहत सामग्री भेजने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर लाने का अभियान शुरू किया है, जो रविवार को भी पूरे जोर-शोर से जारी रहा।
सुबह मौसम बना अड़चन, फिर तेज हुई उड़ानें
आज सुबह खराब मौसम के कारण हेली ऑपरेशन में थोड़ी देरी हुई और उड़ानें लगभग पौने दस बजे से शुरू हो पाईं। जैसे ही मौसम साफ हुआ, मातली हेलीपैड से हर्षिल हेलीपैड तक लगातार हेलीकॉप्टर उड़ानें भरने लगे। इन उड़ानों में आटा, चावल, दाल, दवाइयां, कंबल और अन्य जरूरी राहत सामग्री भेजी जा रही है।
वापसी में लोगों को लाया जा रहा है सुरक्षित
राहत सामग्री ले जाने के बाद हेलीकॉप्टर वापसी में आपदा क्षेत्र से जरूरतमंद, घायल और बुजुर्ग लोगों को मातली हेलीपैड तक पहुंचा रहे हैं, जहां से उन्हें आगे सुरक्षित ठिकानों और अस्पतालों में भेजा जा रहा है। प्रशासन ने विशेष मेडिकल टीम भी तैनात की है, जो लौटने वाले लोगों की जांच कर रही है।
260 से अधिक फेरे, आठ हेलीकॉप्टर लगातार सक्रिय
राज्य सरकार की ओर से संचालित इस हेली ऑपरेशन में अब तक 260 से भी अधिक उड़ानें पूरी की जा चुकी हैं। मातली हेलीपैड से आठ हेलीकॉप्टर लगातार राहत कार्य में जुटे हैं। इसके अलावा, चिन्यालीसौड़ हवाईपट्टी से सेना के चिनूक, एमआई, एएलएच और चीता हेलीकॉप्टर भी ऑपरेशन में हिस्सा ले रहे हैं, जो भारी सामान और अधिक संख्या में लोगों को एक साथ ले जाने में सक्षम हैं।
स्थानीय प्रशासन और सेना में तालमेल
प्रशासन, सेना और एनडीआरएफ के बीच करीबी तालमेल के चलते राहत कार्य की गति बनी हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में पैदल मार्ग बहाल करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, ताकि जमीनी रास्तों से भी सहायता पहुंच सके।
लोगों में उम्मीद की किरण
हालांकि आपदा से प्रभावित लोग अब भी कठिनाई में हैं, लेकिन लगातार पहुंच रही मदद ने उनमें उम्मीद जगा दी है। कई ग्रामीणों ने कहा कि हेलीकॉप्टरों के जरिए मिलने वाली सहायता ने उन्हें जीवनदान दिया है और वे जल्द ही सामान्य स्थिति में लौटने की उम्मीद कर रहे हैं।