नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
तमाम राजनीतिक विरोध के बावजूद देश में नया वक्फ कानून बन गया है। हालांकि इस नए वक्फ अधिनियम को लेकर कॉंग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कॉंग्रेस, AIMIM समेत कई मुस्लिम संगठनों में बेहद नाराजगी है। कॉंग्रेस समेत कई दल इस नए अधिनियम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुँच चुके हैं। तमाम जगहों पर इस नए अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों का दौर जारी है। पश्चिम बंगाल में भी इस अधिनियम के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के हजारों लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जमकर हंगामा काटा। बसों पर चढ़कर उन्होंने फलीस्तीनी और इस्लामी झंडे लहराए। उनकी इस हरकत ने एक बार फिर माहौल गरमा दिया है और ममता दीदी की सरकार पर सवाल उठने लगे हैं।
विहिप ने साधा निशान
इस प्रदर्शन में फहराए गए फलीस्तीनी और इस्लामी झंडों के मामले पर विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने ट्वीट कर ममता सरकार को आढ़े हाथों लिया है। उन्होंने लिखा है-
जरा ध्यान से देखिए...यह दृश्य की इस्लामी देश का नहीं, भारत के पश्चिम बंगाल का है जहां वक़्फ़ अधिनियम का कट्टरपंथी मुसलमान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। कई वाहनों व सरकारी बसों को रोक कर यात्रियों को जबरदस्ती बस से उतार दिया गया। इसके बाद बस की छत पर चढ़कर फलीस्तीनी और इस्लामी झंडा लहराया गया। इनको न किसी पुलिस का डर है न प्रशासन का, इन्हें ना किसी पूर्व अनुमति की जरूरत और ना ही इन पर अधिकतम संख्या की कोई सीमा लागू होती है, ना हथियारों की रोकटोक है और ना ही कोई पूछने वाला, किसी भी गाड़ी को रोक लो और किसी को कैसे भी ठोक दो...!!
ममता सरकार पर दागे सवाल
ट्वीट में बंसल ने इस प्रदर्शन और उसमें फलीस्तीनी और इस्लामी झंडे फहराने को लेकर ममता सरकार पर सवालों की बौछार कर दी है। उन्होंने लिखा है कि प्रश्न उठता है कि...
- सड़क पर खुलेआम इस्लामी कट्टरपंथियों का उपद्रव होता रहा और वहां का शासन प्रशासन सोता रहा, आखिर क्यों?
- प्रदर्शन में फिलिस्तीनी और इस्लामी झंडा तो लाएंगे किंतु तिरंगे को नहीं लहराएंगे!
- जिहादियों के प्रदर्शन क्या बिना हिंसा व आगजनी के नहीं हो सकते?
- संसद द्वारा बने जिस कानून से गरीब मुसलमानों का ही भला होने वाला है उसके विरुद्ध राज्य सरकार व विपक्षी नेता इन जिहादियों को कब तक भड़काते रहेंगे?
- जब मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है तो क्या इन्हें निर्णय की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए?
- न्यायालय को भी स्वत: संज्ञान लेकर इन हिंसक प्रदर्शनों पर क्या रोक नहीं लगानी चाहिए?
शिकंजा कसे सरकार
विहिप प्रवक्ता ने अंत मे लिखा है कि एक झूठ के समर्थन में राज्य सरकार को जिहादी कट्टरपंथियों के बंगाल को बांग्लादेश बनाने के मंसूबों को समझकर इन पर शिकंजा कसना चाहिए।