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Batla House demolition case : आप विधायक अमानतुल्‍लाह ने दिल्‍ली हाई कोर्ट से पीआइएल वापस ली

राष्‍ट्रीय राजधानी नई दिल्‍ली क्षेत्र में अवैध रूप से पनपी कई झुग्‍गी बस्तियां हैं। ये बस्तियां सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनी हैं। ऐसी बस्तियों के विरुद्ध अब कार्रवाई की जा रही है। मद्रासी कैंप, बाबरपुर में कार्रवाई हो चुकी है।

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Narendra Aniket
Batla House demolition
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नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क। आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्‍लाह खान ने नई दिल्‍ली के ओखला के बटला हाउस इलाके में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा जारी घ्‍वस्‍तीकरण नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपनी जनहित याचिका से वापस ले ली है। दिल्ली के ओखला के बटला हाउस में बुधवार को बुलडोजर कार्रवाई हो सकती है। डीडीए ने 26 मई को एक नोटिस चस्पां कर लोगों से 15 दिन के भीतर घर खाली करने के लिए कहा था। नोटिस में लिखा है कि बिना किसी और नोटिस के 11 जून से विध्वंस कार्रवाई की जाएगी।

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क्‍या कहता है डीडीए

डीडीए का कहना है कि ओखला की खसरा संख्या 279 की भूमि सरकारी भूमि है, जिस पर अनाधिकृत अतिक्रमण किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में और कीमती डीडीए भूमि को फिर से हासिल करने के लिए, इस भवन/संरचना के रहने वालों को परिसर खाली करने का निर्देश दिया गया है।

आप विधायक ने याचिका वापस लेने का कारण बताया

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अमानतुल्लाह खान ने याचिका वापस लेने के बाद कहा, 'जिन लोगों को नोटिस मिला है, वे तीन दिन के अंदर अर्जी दे सकते हैं। हमने अपनी जनहित याचिका इसलिए वापस ली है, क्योंकि लोगों को वहां रहते हुए 50 साल से ज्यादा हो गए हैं। अचानक उन्हें बेघर कर देना गलत है। डीडीए इस पूरे इलाके को तोड़ना चाहती है और इसके पीछे भाजपा की हुकूमत का हाथ है।'

डीडीए की कार्रवाई के पीछे राजनीतिक मंशा

इस मामले में डीडीए की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आप विधायक खान ने आरोप लगाया कि डीडीए की कार्रवाई के पीछे राजनीतिक मंशा है और यह स्थानीय निवासियों के साथ अन्याय है। बटला हाउस के निवासियों का कहना है कि वे दशकों से इस इलाके में रह रहे हैं और अचानक नोटिस जारी कर उनके घरों को तोड़ना अनुचित है। 

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सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम राहत से इन्‍कार

40 से ज्‍यादा लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने दो जून को अंतरिम राहत देने से इन्‍कार कर दिया। जुलाई में सुनवाई के लिए सूचिबद्ध करते हुए शीर्ष कोर्ट ने कहा कि ग्रीष्‍मावकाश के दौरान विस्‍तार से सुनवाई संभव नहीं है। खिजर बाबा कॉलोनी के 115 परिवारों को दिल्‍ली हाई कोर्ट से 4 अगस्‍त तक अस्‍थायी राहत मिली है।

उत्‍तर प्रदेश भी है ध्‍वस्‍त करने की कार्रवाई के पीछे

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इस मामले में डीडीए अकेले नहीं है। उत्‍तर प्रदेश का सिंचाई विभाग का दावा है कि खिजर बाबा कॉलोनी की जमीन उसकी है। प्रभावित हो रहे परिवारों के वकील फारुख खान ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश सिंचाई विभाग इससे पहले ओखला में जमीन के दावे हार चुका है। 

क्‍या है बटला हाउस जमीन का विवाद

बटला हाउस दिल्‍ली के जामिया नगर इलाके में स्थित एक सघन आबादी वाला क्षेत्र है। यह मुरादी रोड और खिजर बाबा कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में बंटा है। यहां की जमीन पर डीडीए और उत्‍तर प्रदेश सिंचाई विभाग का दावा है। सुप्रीम कोर्ट ने यहां अवैध निर्माण के विरुद्ध आदेश दिया है जिसके बाद ध्‍वस्‍त करने की कार्रवाई की जानी है। 

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