/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/16/delhi-bmw-car-accident-2025-09-16-17-59-10.jpg)
दिल्ली BMW केस । फाइल फोटो
नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क।बीएमडब्ल्यू दुर्घटना मामले में अभियोजन पक्ष ने को दलील दी कि घायलों को अस्पताल के बजाय एक नर्सिंग होम ले जाया गया था। अभियोजन पक्ष का यह भी कहना था कि कार की गति बहुत अधिक थी। न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनीं और आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत याचिका पर फैसला 27 सितंबर तक सुरक्षित रख लिया।
अदालत ने देखी दुर्घटना की सीसीटीवी फुटेज
इसके साथ ही कौर (38) को भी 27 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कौर कथित तौर पर वह बीएमडब्ल्यू कार चला रही थी, जिससे वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के दोपहिया वाहन को टक्कर लगी थी। इस दुर्घटना में अधिकारी की मौत हो गई थी और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। अदालत के आदेश के बाद, जांच अधिकारी (आईओ) ने संबंधित सीसीटीवी फुटेज प्रस्तुत किया, जिसे मजिस्ट्रेट ने देखा। अभियोजक ने कहा कि कई अस्पताल नजदीक होने के बावजूद घायलों को उत्तरी दिल्ली के जीटीबी नगर स्थित कौर के रिश्तेदार के मालिकाना वाले ‘न्यूलाइफ अस्पताल’ ले जाया गया।
घायलों को नर्सिंग होम ले जाना उचित नहीं था
उन्होंने कहा, "यह अस्पताल नहीं, बल्कि एक नर्सिंग होम है; यह एक आवासीय-सह-नर्सिंग होम है और नर्सिंग गतिविधियों के लिए अधिकृत है। जांच अधिकारी आज वहां गए थे। दुर्घटना के शिकार लोगों को नर्सिंग होम ले जाना उचित नहीं है।" अभियोजक पक्ष ने दलील दी कि कार को अनुमत गति सीमा से अधिक गति से चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा, कार में डेंट (टूट-फूट) देखकर गति का अंदाजा लगाया जा सकता है, वह भी बीएमडब्ल्यू जैसी कार में, जो सबसे मजबूत गाड़ियों में से एक है। हमने बीएमडब्ल्यू को नोटिस भेजकर यह पता लगाने को कहा है कि वह किस गति से गाड़ी चला रही थी।"
कार निर्माता से दुर्घटना पर रिपोर्ट मांगी
कानूनी न्यूज पोर्टल लाइव लॉ की खबर के अनुसार, इससे पहले अदालत ने अभियोजन पक्ष से कार निर्माता से दुर्घटना पर रिपोर्ट मांगने को कहा था। कौर के वकील ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट है कि मोटरसाइकिल कार के आगे नहीं, बल्कि पीछे थी। वकील ने कहा, "रोककर देखें तो बाइक चालक अलग हो गया बाइक से और बस से टकराया।" उन्होंने कहा, कई गाड़ियां आसपास से गईं, कोई नहीं रुका। इस बात की परवाह किए बिना उसने (कौर ने) मदद की। एक महिला जिसके साथ अभी-अभी दुर्घटना हुई हो, क्या वह इलाज से जुड़ी जटिलताओं के बारे में सोच सकती है? वह मौके से भागी नहीं। लोग बस तमाशबीन बने रहे। अगर उन पर ऐसे आरोप लगाए जाएंगे तो लोग किसी दुर्घटना पीड़ित की मदद करने से पहले दो बार सोचेंगे।"
तथ्यों के बजाय "भावनात्मक" पहलुओं को रेखांकित किया
अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल के फोन से पीसीआर कॉल की गई थी, जिसकी जांच की जा सकती है। दलीलों का खंडन करते हुए अभियोजक ने कहा कि ठोस तथ्यों के बजाय "भावनात्मक" पहलुओं को रेखांकित किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि कौर ने फंसने से बचने के लिए अपने आप को आईसीयू में भर्ती कराया। आर्थिक मामलों के विभाग में उपसचिव नवजोत सिंह (52) हरि नगर में रहते थे। चौदह सितंबर की दोपहर दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर हुई दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गये थे और बाद में उनकी मृत्यु हो गई। इस दुर्घटना में उनकी पत्नी भी घायल हुई थीं। सिंह अपनी पत्नी के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा से दर्शन करके घर लौट रहे थे। delhi news in hindi | delhi news | Delhi news today | trending Delhi news | Delhi BMW accident | Delhi BMW Crash | BMW accident case