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नई दिल्ली, वाईबीएन डेस्क। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को कहा कि उसने धन शोधन जांच के तहत आम आदमी पार्टी (आप) नेता एवं दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के लाभकारी स्वामित्व व नियंत्रण वाली कंपनियों की करीब 7.44 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां कुर्क की हैं। संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि उसने अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए 15 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया है।
जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ मामला
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ईडी ने अपने आधिकारिक अकाउंट पर यह जानकारी शेयर करते हुए बताया कि यह जांच जैन, उनकी पत्नी पूनम जैन और अन्य के खिलाफ बेनामी संपत्ति रखने के एक कथित मामले और आय से अधिक संपत्ति रखने के एक अलग मामले से संबंधित है। धन शोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी और आरोपपत्र से उत्पन्न हुआ है। जैन पर 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति "अर्जित" करने का आरोप है।
कोर्ट की टिप्पणी के बाद की गई जब्ती
ईडी ने 2022 में जैन की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। यह ताजा जब्ती तब हुई जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में कहा कि जैन के करीबी सहयोगी - अंकुश जैन और वैभव जैन - नेता के "बेनामी धारक" थे और उन्होंने आय प्रकटीकरण योजना (आईडीएस), 2016 के तहत अग्रिम कर के रूप में बैंक ऑफ बड़ौदा, भोगल शाखा में 7.44 करोड़ रुपये नकद जमा किए थे।
क्या था मामला?
बताया जा रहा है कि 4 टेंडर अक्टूबर 2022 में दिए गए थे इन टेंडरों में सिर्फ 3 जॉइंट वेंचर कंपनियों ने हिस्सा लिया और आपस में सेटिंग कर के काम बांटा। आरोप है कि टेंडर की शर्तें ऐसी बनाई गईं ताकि वही चुनिंदा कंपनियां भाग ले सकें। पहले प्रोजेक्ट की लागत 1546 करोड़ रुपये तय की गई थी, लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 1943 करोड़ कर दिया गया। ED action Satyendar Jain | ED Raid News | ED Raid 2025 | ED Raid